नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार को नीति आयोग की बैठक में शामिल न होकर अपने लोगों के साथ अन्याय किया है। गोयल ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इन मुख्यमंत्रियों ने सवाल पूछने का मौका खो दिया। गोयल ने कहा, ”नीति आयोग सभी का है। विपक्ष को अपने भीतर झांकने की जरूरत है। उन्होंने अपने शासित राज्यों के लोगों के साथ अन्याय किया है।”
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (द्रमुक), केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन (माकपा), पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (आम आदमी पार्टी), कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया (कांग्रेस), हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (कांग्रेस), तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (कांग्रेस) और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (झामुमो) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि हाल में लोकसभा में पेश किए गए केंद्रीय बजट में उनके शासित राज्यों की अनदेखी की गई है। गोयल ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में पेश किए गए केंद्रीय बजट को अंतरिम बजट के साथ निरंतरता के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। गुजरात से अमित शाह को बाहर ”निकाले जाने” संबंधी राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने आरोप लगाया कि पवार ”शाह और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ संप्रग सरकार की साजिश” का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।
उन्होंने दावा किया, ”संप्रग सरकार ने अमित शाह के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था।’ पवार को ”भ्रष्ट लोगों का सरगना” करार देने वाले शाह के कटाक्ष का जवाब देते हुए राकांपा (शरदचंद्र पवार) प्रमुख ने शुक्रवार को कहा था, ”जिसे उच्चतम न्यायालय द्वारा (गुजरात के बाहर) निकाला गया था, वह अब केंद्रीय गृह मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे हैं।”