हिमाचल की शिक्षा व्यवस्था ICU में, क्या पढ़ेगा प्रदेश, क्या बनेगा भविष्य?
एएम नाथ। चम्बा : भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने कहा कि प्रदेश सरकार के ‘व्यवस्था परिवर्तन’ के खोखले नारे अब शिक्षा व्यवस्था की बदहाली के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। हमने बार-बार सदन में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर आवाज़ उठाई। मीडिया के माध्यम से भी इस विषय को उठाया और प्रशासन को बार-बार लिखा। मगर सत्ता के नशे में चूर कांग्रेस सरकार को न वर्तमान की चिंता है और न ही प्रदेश के भविष्य की। होली क्षेत्र के लामू स्कूल में सरकार शिक्षक भेजना ही भूल गई है जिसका भुगतान छात्र छात्राओं को करना पड़ रहा है। जिसके चलते बच्चे सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
डॉ. जनक राज ने कहा कि प्रदेश के दूरदराज़ और जनजातीय क्षेत्रों, विशेषकर भरमौर, पांगी और लाहौल – स्पीति में शिक्षा की स्थिति दयनीय है। सरकारी स्कूलों में विज्ञान, गणित और अंग्रेज़ी जैसे आवश्यक विषयों के शिक्षक तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल कागज़ी घोषणाएं करती है और शिक्षा के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
डॉ. जनक राज ने कहा कि स्कूल भवन जर्जर हैं, शिक्षक नदारद हैं, और बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि सरकार अपने खोखले प्रचार से बाहर निकले और ज़मीन पर काम करे। लेकिन दुखद यह है कि सुक्खू सरकार को सिर्फ बयान देने और प्रेस कांफ्रेंस करने की आदत पड़ चुकी है, ज़मीनी सच्चाई से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
डॉ. जनक राज ने कहा कि शिक्षा विभाग का प्रशासनिक ढांचा पूरी तरह चरमराया हुआ है। न नई भर्तियां हो रही हैं, न स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता है, और न ही दूरदराज़ के इलाकों की प्राथमिकता तय की गई है। उन्होंने कहा कि भरमौर और अन्य जनजातीय क्षेत्रों के बच्चों का हक़ छीना जा रहा है।