सरकार के शिक्षा क्रांति के दावों की निकली हवा।
होशियारपुर / दलजीत अजनोहा : पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तिक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा है कि आम आदमी पार्टी शिक्षा क्रांति लाने का झूठा शोर मचा कर पंजाब वासियों को गुमराह कर रही हैं , जबकि स्थिति बिल्कुल इससे उलट हैं। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने पहले दिल्ली में शिक्षा क्रांति लाने के दावे किये थे जो झूठे साबित हुए थे। जिसके कारण आम आदमी पार्टी 2025 विधान सभा चुनावों में धूल चाटती दिखी। पंजाब में शिक्षा में सुधार के बहाने आम आदमी पार्टी के चहेते सरकारी अध्यापकों को विदेशों में ट्रेनिंग देने के बहाने सैर सपाटा कराया गया , जबकि आम आदमी पार्टी के नेता कहते थे कि विदेशों के शिक्षा विभाग दिल्ली व पंजाब के शिक्षा मॉडल से इतने प्रभावित हुए हैं कि वह उसे देखने के लिए वहां पर आ रहे हैं । हालही में पंजाब में शिक्षा क्रांति में करोड़ो रुपए पहले ही बनी हुई इमारतों पर आम आदमी पार्टी ने अपने पत्थर लगवा कर तथा पेंट और पोताई से पोचापाची करके बेअर्थ में गवा दिये हैं, जो कि पंजाब की जनता के गाड़े खून-पसीने की कमाई थी। श्री सूद ने कहा कि मौजूदा सरकार ने वायदे के अनुसार ना तो सभी कच्चे अध्यापकों को पक्का किया तथा ना ही हजारों की गिनती में अध्यापकों के खाली पड़े पद भरे गए हैं। सरकार मीडिया में शिक्षा क्रांति की झूठी पब्लसिटी करके करोड़ो रुपए बर्बाद कर रही हैं। सरकार की कारगुजारी गत दिवस पंजाब शिक्षा बोर्ड की +2 क्लास के नतीजों से बेनकाब हो गई हैं। मान सरकार चाहे कितना भी झूठ बोले परन्तु नतीजों के आंकड़े उसकी सारी तथा कथित कारगुजारी की हवा निकालने के लिए काफी हैं , क्योकि इस बार +2 श्रेणी में 290 बच्चे मैरिट सूची में आये हैं जिनमे केबल 8 बच्चे पंजाब सरकार के स्कूल ऑफ़ एमीन्स से है। आम आदमी पार्टी की सरकार पिछली अकाली -भाजपा सरकार के मैरिटोरियस स्कूलों का नाम बदल कर स्कूल ऑफ़ एमीन्स रख यह बताने की कोशिश की हैं कि इस के अंतर्गत शिक्षा ढांचे में सुधार किया गया हैं। ऐसे 118 स्कूल ऑफ़ एमीन्स में से 115 स्कूलों में कोई भी विद्यार्थी मैरिट सूची में स्थान नहीं पा सका। केबल इस ही जिले के तीन स्कूलों के 8 बच्चे इस सूची में नजर आये , जबकि भाजपा अकालीसरकार के समय इन स्कूलों में 25 विद्यार्थी मैरिट स्थान ला चुके हैं। इस नतीजे के बारे में श्री सूद कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने शिक्षा में क्रांति लाने की जगह सरकारी स्कूलों को विनाश की कगार पर ला खड़ा किया हैं।