शैक्षणिक सत्र के मध्य में नहीं किए जाए शिक्षकों के तबादले – हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश

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रोहित भदसाली। शिमला :  शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों के तबादले न करने के हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट  ने कहा कि सरकार अपने आदेशों का सख्ती से पालन करे ताकि तबादलों के मामलों में किसी शिक्षक से कोई भेदभाव न हो।  हाईकोर्ट ने 3 सितंबर को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक की ओर से तबादलों में अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड से अवगत करवाने के आदेश जारी किए थे। शिक्षा सचिव से पूछा था कि क्या वह शिक्षा निदेशक के दोहरे मापदंडों से अवगत है। यदि अवगत है तो शिक्षा निदेशक के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यदि अवगत नहीं है तो इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने याची रमन कुमार की ओर से दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए थे।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान बताया गया कि कोर्ट के आदेश पर 7 सितंबर को शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में उच्च एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशकों व संयुक्त शिक्षा सचिव की उपस्थिति में शिक्षकों के तबादलों को लेकर कुछ आदेश जारी किए गए। आदेशों में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को शिक्षकों के मध्य सत्र में तबादले न करने के निर्देश जारी किए गए। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि बहुत ही जरूरी होने पर संबंधित शिक्षक के तबादले से जुड़ा मामला शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को यह बताने के आदेश भी दिए गए हैं कि 30 जुलाई को तबादलों पर लगाए बैन के बाद उन्होंने कितने शिक्षकों के तबादले किए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक के खिलाफ पहले से ही जारी कारण बताओ नोटिस पर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। सरकार के आदेशों के मद्देनजर अदालत ने मामले का निपटारा करते हुए तबादलों में दोहरा मापदंड न अपनाते हुए शिक्षकों से एक सा बर्ताव करने के आदेश दिए।

 मामला यह है :    वर्ष 2020 में याची की नियुक्ति चंबा के राजकीय माध्यमिक विद्यालय खजुआ बिहाली में बतौर टीजीटी नॉन मेडिकल हुई थी। ट्राइबल क्षेत्र में तीन वर्ष के कार्यकाल के बाद याची ने अपने तबादले के लिए विभाग को प्रतिवेदन दिया। प्रतिवेदन पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को याची के प्रतिवेदन पर चार सप्ताह में निर्णय लेने के आदेश जारी किए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने प्रतिवेदन खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा शैक्षणिक सत्र के मध्य में याची का तबादला करना प्रशासनिक और जनहित में वाजिब नहीं है। आदेश को याची ने फिर कोर्ट में चुनौती दी। याची ने कोर्ट को बताया प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने भेदभावपूर्ण तरीके से उनका प्रतिवेदन खारिज किया। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि शिक्षा निदेशक ने एक दो नहीं बल्कि कई शिक्षकों के तबादला आदेश शैक्षणिक सत्र के मध्य में किए हैं। मामले की सुनवाई के दौरान बताया गया कि कोर्ट के आदेशों के बाद अब याची के उपयुक्त तबादला आदेश जारी कर दिए गए हैं।

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