होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : श्राद्ध पक्ष में पितर देवता पृथ्वी के करीब भ्रमण करते हैं हर कोई व्यक्ति की चाहत होती है की उनके पितर देवता प्रसन्न रहे एवम असीम आशिर्वाद प्रदान करते रहे। श्राद्ध पक्ष में तर्पण ब्राह्मण भोज, पूजा,के साथ साथ अगर वृक्ष लगाएं तो पितरों को अति ज्यादा प्रसन्नता होगी और उनका असीम आशिर्वाद प्राप्त होता है। श्राद्ध पक्ष में वास्तु के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए निम्न प्रकार से वृक्ष लगाएं। बच्चों का श्राद्ध है तो उनकी तिथि वाले दिन आम ओर अमरूद का पौधा ईशान कोण में घर से दूर किसी भी सार्वजानिक स्थान पर लगाए।
कुंवारी कन्याओं का श्राद्ध है तो उनकी तिथि वाले दिन उतर दिशा में आंवला और अनार का वृक्ष लगाएं। शादी सुधा महिला का श्राद्ध है तो उनकी तिथि अनुसार सीताफल और अशोक का वृक्ष उतर दिशा या आग्नेय कोण में स्थापित करें। माता दादी परदादी आदि का श्राद्ध हो तो उनकी तिथि वाले दिन चंदन पलाश पीपल का पौधा घर से दूर पश्चिम दिशा, उतर दिशा वायव्य कोण आग्नेय कोण में स्थापित करें। पिता दादा परदादा का श्राद्ध हो तो उनकी तिथि वाले दिन घर से दूर सार्वजानिक स्थान पर बरगद, बिल्व, आंवला,इमली का पौधा पूर्व दिशा या दक्षिण दिशा में लगाए। इनके पेड़ पौधे के अलावा तुलसी जी को नित्य जल देने से पितरों का असीम आशिर्वाद मिल सकता है ऐसा मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवम लेखक डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का। वृक्ष लगाएं जीवन से दुःख भगाए।