होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : महर्षि भृगुवेद विद्यालय द्वारा शक्ति मन्दिर में ओयाजित श्री हुनमान कथा के पहले दिन श्रीराम जन्मभूमि न्यास, अयोध्या के कोषाध्यक्ष श्री गोविन्ददेव गिरी जी महाराज ने हनुमान जी की कथा का आरम्भ विधिवत पूजन तथा वेद विद्यालय के छात्रों द्वारा स्वस्तिवाचन के साथ किया गया। स्वामी जी ने हनुमान जी के जन्म की अद्भुत तथ दिव्य कथा का आरम्भ करते हुए श्रोताओं को बताया कि वानरराज केसरी तथा अंजना की भीषण तपस्या से प्रसन्न हो वायु के औरस पुत्र के रूप में हनुमान जी का जन्म हुआ। मारुत (वायू) का पुत्र होने के कारण इनका बचपन का नाम मारुति था। हनुमान जी जन्म से ही अति चंचल, बुद्धिमान तथा शक्तिशाली थे। एक बार बाल्यावस्था में भगवान सूर्य को लाल रंग के कारण फल समझ कर निगलने के लिए वो आकाश में चले गए। उसी समय ग्रहण काल होने के कारण राहू को सूर्य की तरफ आता देख वो बीच में ही राहू को पकडऩे भागे तब राहू ने अपनी रक्षा के लिए इन्द्र से गूहार लगाई और अपने वज्र को आगे कर मारुति को रोकने का प्रयास किया। इसमें मारुति की ठोड़ी (हनु) पर आघात लग गया। अपने औरस पुत्र के घायल होने पर वायु देव ने सृष्टि में वायु का प्रभाव रोक दिया। ऐसा होता देख ब्रह्मा सहित विभिन्न देवताओं ने हनुमान को विभिन्न वरदान प्रदान कर अनेकों शक्तियों से सुसज्जित कर दिया तथा इन्द्र ने हनु पर प्रहार होने के कारण उन्हें हनुमान नाम प्रदान किया।
मंत्रमुग्ध करने वाली कथा में स्वामी जी ने आगे हनुमान जी का श्रीराम से प्रथम मिलन का अति सुन्दर वर्णन किया जिसमें श्रीराम जी अपने भाई लक्ष्मण से हनुमान जी के बारे में कहते हैं कि यह चारों वेदों के ज्ञाता और सर्वश्रेष्ठ वक्ता हैं।
इस कथा को सुनने के लिए भारी संख्या में जनमानस उपस्थित था और विधायक ब्रह्म शंकर (जिम्पा), माँ स्नेहमयी अमृतानंद, सिद्धेश्वर शिव मंदिर बस्सी गुलाम हुसैन के स्वामी उदयगिरी जी, भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद, महर्षि भृगु वेद विद्यालय के अध्यक्ष पंकज सूद, सर्वधर्म सभा के संयोजक अनुराग सूद, एडवोकेट नवदीप सूद, सूद सभा के अध्यक्ष अरविन्द सूद, बाबा बालक ट्रस्ट होशियारपुर के अध्यक्ष डॉ. हर्षविन्द्र सिंह पठानिया, तरुण खोसला, मुकेश वर्मा, कमल वर्मा, कृष्ण चंद शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति विशेष रूप से उपस्थित हुए। कथा के पश्चात् सभी के लिए लंगर का प्रबंध किया गया था।
