पीड़ितों को पिछले आपदा राहत के पैकेज की तरह दिया जाए मुआवज़ा
रामपुर से समेज आपदा प्रभावितों के लिए रवाना की राहत सामग्री
एएम नाथ। शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर शिमला के आपदा प्रभावित समेज के दौरा किया। इस दौरान वह आपदा में लापता हुए लोगों के परिजनों और रिश्तेदारों से भी मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढाढ़स बंधाया। राहत और बचाव कार्य का जायज़ा लिया। उन्होंने कह कि समेज में जो हुआ उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। 36 लोग लापता है। जहां एक हंसता खेलता गांव था, अब वहां त्रासदी की निशान रह गये हैं। लापता लोगों के परिजनों से मिलकर भवनों पर नियंत्रण रखना भी मुश्किल हो गया। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंख नम है। तीन दिन से अपने लोगों की तलाश में लोगों की आंखे पथरा गई है लेकिन हौसला क़ायम हैं। सरकार से आग्रह है कि तलाशी अभियान को और तेज किया जाए। जिससे लापता लोगों को जल्दी से जल्दी खोजा जा सके। समेज की स्थिति हृदय विदारक है। हर किसी को अपने लोगों की तलाश हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह सभी को साहस दें।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तलाशी अभियान के साथ ही साथ आपदा से बच गये लोगों की तत्काल सहायता के लिए राहत शिविरों और ज़रूरी संसाधनों की व्यवस्था करे। बीते कल कुल्लू के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पर लोगों ने इन सुविधाओं के न होने के बारे में बताया, इसलिए सरकार से आग्रह है कि आपदा प्रभावित लोगों को त्वरित लाभ के लिए भी आवश्यक प्रबंध करे, इसके साथ ही आगे की बारिश में इस तरह के हादसों से बचने और जनहानि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए, इसमें विपक्ष सरकार का हर सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इस बार आपदा में प्रभावित हुए लोगों को भी पिछले बार की आपदा प्रभावितों की तरह ही मुआवज़ा दिया जाए, जिससे वह नए सिरे से शुरुआत कर सकें। इस दौरे के दौरान उनके साथ कौल नेगी, बंजार विधायक सुरेन्द्र शौरी, आनी विधायक लोकेंद्र कुमार समेत स्थानीय लोग उपास्थित रहे।
नेता प्रतिपक्ष ने रामपुर से आपदा प्रभावित क्षेत्र समेज के लिए राहत सामग्री से भरे वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रामकृष्ण मिशन के सौजन्य से भेजी गई राहत सामग्री में बिस्तर और राशन के साथ बर्तन के सेट भी शामिल था। उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त लोगों की मदद करने लिए भारी संख्या में आम लोग और ग़ैर सरकारी संस्थाएं आगे आ रहे हैं और तन-मन-धन से सहयोग कर रहे हैं। आपदाग्रस्त लोगों की मदद के लिए आगे आने के लिए लोगों की जितनी प्रशंसा की जाए कम हैं। सभी लोग बधाई के पात्र हैं।