कोविड-19 के मद्देनजर सरकार द्वारा कोचिंग सेंटरों को बंद करने के निर्देश से: संचालकों में रोष
गढ़शंकर – कोविड-19 की महामारी के मद्देनजर सरकार के निर्देशों से लगभग पिछला पूरा साल आईलेट्स कोचिंग सेंटर और कंप्यूटर सेंटर पूरी तरह से बंद रहे।
जिसके चलते सेंटर संचालकों को आर्थिक बदहाली का शिकार होना पड़ा और कुछ महीने सेंटर खोलने के पश्चात सरकार द्वारा कोचिंग सेंटरों को फिर से बंद करने के निर्देश दे दिए जिस कारण सेंटर संचालकों में भारी रोष है। यह शब्द गढ़शंकर में कोचिंग सेंटरों के संचालकों ने दुष्यंत वालिया दीपा की अध्यक्षता में
हुई विशेष मीटिंग में कहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण कोचिंग सेंटरों का काम पहले ही मंदी के दौर से गुजर रहा है। अब सरकार द्वारा कोचिंग सेंटरों को पुनः बंद करने के निर्देशों से अजीबोगरीब स्थिति बन गई है। सेंट्रल संचालकों ने बताया कि अधिकतर सेंटर किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं और मंदी के कारण कई महीने का किराया उनके सर पर खड़ा है और इसके अलावा बिजली के बिल, बैंक की इंस्टॉलमेंट और स्टाफ को तनख्वाह देना भी उनके लिए संभव नहीं है। जिसके चलते कई सेंटर संचालक दिमागी तौर पर डिप्रेशन का शिकार होने के किनारे हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार चाहती है कि सेंटर संचालक भी अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके तो उन्हें शर्तों के साथ कोचिंग सेंटर खोलने की इजाजत दी जाए। उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटरों में जो बच्चे कोचिंग लेते हैं। वे सभी 16 वर्ष से अधिक के होते हैं और वह बच्चे कोविड-19 से बचने के उपाय भलीभांति जानते हैं। इसलिए सरकार सेंटर संचालकों की हालत को देखते हुए पांच-पांच बच्चों को कोचिंग देने की इजाजत दे।ताकि सेंटर संचालक भी दो वक्त की