केंद्र सरकार से 12 दिसंबर की संभावित बैठक में इन मुद्दों का समाधान निकालने की अपील
चंडीगढ़, 3 दिसंबर: चंडीगढ़ से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने आज लोकसभा में लंबे समय से लंबित पड़े शहर से जुड़े मुद्दों को उठाते हुए, केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि 12 दिसंबर को गृह मंत्रालय में होने वाली संभावित बैठक के दौरान इनका समाधान निकाला जाए।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए, तिवारी ने कहा कि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है और सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन आता है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण लोगों से जुड़े संबंधी मुद्दे हैं, जो पिछले लगभग 25 वर्षों से लंबित पड़े हैं और आज वे इस सदन के माध्यम से सामने लाना चाहते हैं।
सांसद तिवारी ने ज़ोर देते हुए कहा कि हिस्सेदारी प्रॉपर्टी की बिक्री पर अनुचित तरीके से रोक लगी हुई है। इसी तरह, राहत और पुनर्वास बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने का मामला भी पिछले करीब 25 वर्षों से अटका हुआ है। उन्होंने लाल डोरा की समस्या का भी ज़िक्र करते हुए, कहा कि चंडीगढ़ को 22 गांवों की ज़मीन पर बसाया गया था, लेकिन लाल डोरा समाप्त करने का मुद्दा भी लगभग 25 वर्षों से लंबित है।
इसी तरह, जिन लोगों ने हाउसिंग बोर्ड के मकानों में जरूरत के अनुसार परिवर्तन किए हैं, उन्हें राहत देने का मुद्दा भी पिछले लगभग दो दशकों से पेंडिंग है। कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी से जुड़े भी कई ऐसे मामले हैं, जो बहुत लंबे समय से अटके हुए हैं।
इस संबंध में, वह सदन के माध्यम से सरकार से अपील करते हैं कि 12 दिसंबर को गृह मंत्रालय में होने वाली संभावित बैठक के दौरान इन सभी लटके हुए मुद्दों का कोई न कोई समाधान अवश्य निकाला जाए, क्योंकि ये लगभग 25 वर्षों से लंबित पड़े हैं।
