गढ़शंकर। सिवल अस्पताल गढ़शंकर में रोटरी आई बैंक एन्ड कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी द्वारा सिवल अस्पताल गढ़शंकरके सहयोग से नेत्रदान पखवाड़ा तहत नेत्रदान जागरुक्ता कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें भारी संख्यां में समाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पहुँच कर ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने के लिए रोटरी आई बैंक एन्ड कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी के मुहिंम को आगे बढ़ाने का आश्वाशन दिया।
रोटरी आई बैंक एन्ड कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी के चेयरमैन ने जेबी बहल ने नेत्रदान के बारे में बताया कि जीवन के अंत में, वह व्यक्ति जिसकी पुतलियाँ साफ़ हों, मृत्यु के बाद 10 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति, कमज़ोर दृष्टि, चश्मा, मोतियाबिंद या सर्जरी वाले व्यक्ति, प्राकृतिक कारणों या दुर्घटनाओं से मरने वाला व्यक्ति, किसी भी रक्त समूह, धर्म, जाति, लिंग, समुदाय या क्षेत्र आदि का व्यक्ति के नेत्रदान किए जा सकते है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु किसी विशिष्ट असाध्य रोग जैसे एड्स, कैंसर, पीलिया, रेबीज, मस्तिष्क ज्वर या सेप्टीसीमिया आदि के कारण हुई हो, उसके नेत्रदान नहीं किए जा सकते। इस दौरान एसएमओ इंचार्ज डॉ. लवलीन ने कहा कि एक नेत्रदाता दो नेत्रहीनों के जीवन में उजाला ला सकता है, नेत्रदान मृत्यु के 6-7 घंटे के भीतर किया जाना चाहिए। उन्होनों सभी से ज्यादा ज्यादा नेत्रदान करने के फॉर्म भरने का आग्रह करते हुए कहा कि किसी की मौत होने के पर परिजनों को खुद नेत्रदान के लिए रोटरी आई बैंक एन्ड कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सोसाइटी से सम्पर्क करना चाहिए।
बॉडी डोनेशन कमेटी के चेयरमैन डॉ. तरसेम सिंह ने कहा कि मृतक के नेत्रदान के लिए उसके परिजनों ने तुरंत स्थानीय नेत्रदान संस्था या नेत्र बैंक से संपर्क करें, मृतक की आँखें तुरंत बंद करें और उन पर गीला कपड़ा, रुई और बर्फ का टुकड़ा रखें, सूचना मिलने पर, संस्था के सदस्य स्वयं मृतक के घर आकर उसकी आँखें ले जाएँगे, आँखें लेने में केवल 10-15 मिनट लगते हैं और मृतक के चेहरे में कोई बदलाव नहीं आता। उन्होनों कहा कि दृष्टिबाधित व्यक्ति की केवल आँख की पुतली बदली जाती है, पूरी आँख नहीं। इस दौरान प्रो दलजीत सिंह , डॉ राजीव शर्मा , अश्वनी दत्ता , डॉ अमित , डॉ हरगोपाल , अशोक ऑप्थल्मिक अफसर , सुखविंदर कौर , हरिकिशन गंगड़ , भूपिंदर सिंह , लखविंदर सिंह , ओंकार सिंह चाहलपुरी , जीके राजन , रमन , डॉ जोगिंदर सिंह आदि मौजूद थे।