चंड़ीगढ़ : हरियाणा की तर्ज पर पंजाब के लिए अलग विधानसभा तथा हाईकोर्ट के लिए जमीन की मांग को लेकर सीएम भगवंत मान को विरोधियों ने घेर लिया है। सीएम के बयान से कांग्रेस गुस्से में है। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष राजा वडिंग तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि मान पंजाब का पक्का नुकसान कर रहे हैं।
उन्हें जमीन मांगने की क्या जरुरत है?
जिस जगह पर मौजूदा पंजाब विधानसभा तथा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बनी हुई है, वह इमारत पंजाब की ही है। हरियाणा को यह दोनों इमारतें चंडीगढ़ से बाहर बनानी चाहिएं। बाजवा ने यहां तक कहा कि लगता है कि भगवंत मान ने अपना ट्वीटर अकाउंट दिल्ली को आउटसोर्स कर दिया है। इसके साथ ही अकाली दल ने कहा कि सीएम को ऐसी बेतुकी मांगें नहीं करनी चाहिए?।
वर्णनीय है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में अलग विधानसभा इमारत के लिए जमीन मंजूर कर दी है। जिसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने ट्वीट करके कहा कि हरियाणा की तर्ज पर पंजाब को भी विधानसभा तथा हाईकोर्ट बनाने के लिए चंडीगढ़ में जमीन दी जाए।
कांग्रेस के विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को विधानसभा तथा हाईकोर्ट की इमारत के लिए अलग जमीन की मांग करके चंडीगढ़ तथा पंजाब के हक को कमजोर न करने के लिए कहा है। इनकी मौजूदा इमारतें पंजाब की ही हैं। इन विरासती इमारतों पर अपना हक छोड़ कर मुख्यमंत्री चंडीगढ़ को यकीनी तौर पर गंवाने का कार्य कर रहे हैं। यदि मुख्यमंत्री सावधान न हुए तो ऐसे बयान पंजाब के हितों केो नुकसान पहुंचाएंगे।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरेन्द्र सिंह राजा वडिंग ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री जी, चंडीगढ़ की जमीनें तथा सरकारी इमारतों पर सिर्फ पंजाब का ही हक है। मिसाल के तौर पर पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के तहत यह फैसला किया गया है कि हरियाणा को अलग राजधानी बनाने की जरुरत है। कृपा करके ऐसे बयानों से चंडीगढ़ पर पंजाब के हक को कमजोर न करें’।