गोहर। 29जनवरी , सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के अंतर्गत ग्राम पंचायत भौर में सुभाष पालेकर प्राकृतिक विधि द्वारा लगाये गये प्रदर्शन स्थल को देखने के लिए राजकीय वरिष्ट माध्यमिक स्कूल कनैड के लगभग 50 छात्रों ने भाग लिया । सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के अधिकारियों के द्वारा बच्चों को जीवामृत और घनाजीवामृत बनाने की विधि व प्रयोग करने की विधि से अवगत करवाया व अधिकारियों ने उपस्थित बच्चों को प्राकृतिक खेती के बारे में बताते हुए कहा कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती का मूल सिद्धांत है कि वायु, पानी तथा जमीन में सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए फसल या पेड़-पौधों के लिए किसी भी बाहरी रासायनिक खादों की आवश्यकता नहीं है। यह प्राकृतिक खेती विधि, मित्र कीट-पतंगों की संख्या में वृद्धि एवं अनुकुल वातावरण का निर्माण कर फसलों को कीट-पतंगों एवं बीमारियों से सुरक्षित करती है। इस तरह किसी भी कीटनाशक या फफूंदनाशक की आवश्यकता को भी समाप्त कर देती है।
जीवामृत और घनजीवामृत का प्रयोग भूमि में सूक्ष्म जीवाणुओं तथा केंचुओं की गतिविधियों को बढ़ाता है। जो इसमें बंद अवस्था में उपस्थित विभिन्न पौष्टिक तत्वों को उपलब्ध अवस्था में बदलकर समय-समय पर आवश्यकतानुसार पौधों को उपलब्ध करवाते हैं। इस तरह सूक्ष्म जीवाणुओं तथा स्थानीय केंचुओं की गतिविधियों की सक्रियता से भूमि की उर्वरा शक्ति हमेशा-हमेशा के लिए बनी रहती है।
इस मौके पर विकास खण्ड धनोटू से खण्ड तकनीकी अधिकारी नरेन्द्र कुमार, सहायक तकनीकी अधिकारी सौरव वालिया, वोकेशनल अध्यापक हितेश उपस्थित रहे ।