नई दिल्ली : भारतीय सेना ने घोषणा की कि वह पंजाब के एक गांव में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैनिकों को खाद्य पदार्थ और पानी उपलब्ध करवाने वाले 10 वर्षीय बच्चे श्रवण सिंह की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाएगी।
श्रवण सिंह ने तारा वाली गांव में तैनात सैनिकों की काफी मदद की थी। श्रवण ने सैनिकों को पानी, बर्फ, चाय, दूध और लस्सी जैसी चीजें पहुंचाईं, जब वे पाकिस्तानी सेना के साथ गोलीबारी में उलझे थे। बच्चे की इस हिम्मत और उत्साह को देखते हुए भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने श्रवण की पढ़ाई का खर्च उठाने की बात कही है।
श्रवण को किया गया सम्मानित
शनिवार को फिरोजपुर छावनी में आयोजित एक समारोह में वेस्टर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने श्रवण को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा श्रवण की कहानी देश भर में मौजूद उन “मौन नायकों” की याद दिलाती है, जो मान्यता और समर्थन के हकदार हैं।
फौजी बनना चाहता है श्रवण
फिरोजपुर जिले के ममदोट क्षेत्र में स्थित तारा वाली गांव का रहने वाला श्रवण का सपना बड़े होकर सेना में शामिल होने का है। मई माह में श्रवण ने कहा था, “मैं बड़ा होकर फौजी बनना चाहता हूं। मैं देश की सेवा करना चाहता हूं। उनके पिता ने तब कहा था हमें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने बताया कि कक्षा 4 में पढ़ने वाला श्रवण बिना किसी के कहे अपनी मर्जी से सैनिकों के लिए राशन लेकर गया था। तारा वाली गांव अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। इन ठिकानों में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके स्थित अड्डा शामिल था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।