स्कूलों को केवल हिमाचल ने ही मर्ज नहीं किया है। पिछले 10 सालों में देश में 76 हजार स्कूल मर्ज : शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर

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एएम नाथ। शिमला :   हिमाचल प्रदेश सरकार शिक्षा में सुधारीकरण की स्थिति में आगे बढ़कर काम कर रही है। स्कूलों को मर्ज करना व शिक्षकों का युक्तिकरण इसी प्रक्रिया का हिस्सा है।  स्कूलों को केवल हिमाचल ने ही मर्ज नहीं किया है। पिछले 10 सालों में देश में 76 हजार स्कूल मर्ज हुए हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने यह जानकारी विधायक अनुराधा राणा द्वारा नियम-62 के तहत उठाए मामले के जवाब में दी। 2013 में गुजरात से इसकी शुरुआत की गई थी।

यहां पर 5200 स्कूलों को पिछले 10 सालों में, मध्य प्रदेश में 18 हजार, महाराष्ट्र में 14 हजार, जम्मू-कश्मीर में 4,790, राजस्थान में 2,335, छत्तीसगढ़ में 2,328, उत्तराखंड में 1,671 और हरियाणा में 623 स्कूलों को मर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 26 हजार स्कूलों को मर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की भी ये गाइडलाइन है। उन्होंने बताया कि 16वें वित्तायोग की टीम हाल ही में शिमला आई थी। उन्होंने भी इसको लेकर सुझाव दिया था। पूर्व सरकार के समय से ही स्कूलों को मर्ज करने की जरूरत महसूस की जा रही थी। बीते एक दशक में हिमाचल के स्कूलों में 5 लाख 13 हजार विद्यार्थियों के पंजीकरण में कमी आई है।

एक बच्चा और दो टीचर, इसलिए मर्ज किया स्कूल
शिक्षा मंत्री ने कहा कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 19 स्कूलों को मर्ज किया गया। लाहौल स्पीति जिले में 12 प्राइमरी स्कूल और 1 मिडल स्कूल मर्ज किए गए हैं। युक्तिकरण के माध्यम से स्कूलों में पूरा स्टाफ मुहैया करवाना चाहते हैं। लाहौल स्पीति में जो 12 प्राइमरी स्कूल बंद किए। इन स्कूलों में 35 बच्चे हैं और पढ़ाने के लिए 21 टीचर हैं। इसी तरह जिस मिडल स्कूल को बंद किया गया है, वहां पर एक बच्चा और पढ़ाने के लिए दो टीचर थे। लाहौल-स्पीति के सीनियर सेकेंडरी हंसा में कक्षा 6 से 12 तक 2 बच्चे पंजीकृत थे, 8 टीचर और 5 नॉन टीचिंग स्टाफ है।

मर्ज स्कूलों के आंकड़े भी ठीक नहीं : अनुराधा
इससे पहले विधायक अनुराधा राणा ने कहा कि जब तक स्कूल ऑफ एक्सिलेंस शुरू नहीं हो जाते तब तक सुविधाएं बच्चों को वहां पर दी जाएं। उन्होंने कहा कि जो स्कूल मर्ज हुए हैं, उनके आंकड़े भी ठीक नहीं हैं। इन्हें दुरूस्त करने की जरूरत है। उनका क्षेत्र हिमस्खलन प्रभावित है, ऐसे में यहां छूट मिलनी चाहिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आंकड़े स्कूलों से ही मंगवाए गए हे, फिर भी इसमें यदि कोई आपत्ति लगती है तो इसकी समीक्षा की जाएगी।

लाहौल-स्पीति के स्कूलों में 2100 बच्चे, शिक्षक 750
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस सारी प्रक्रिया को लेकर शिक्षा मंत्री के साथ उनकी बात हुई है। सरकार किसी भी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रहने देगी। जहां पर सड़क की सुविधा नहीं, वहां जिला मुख्यालयों के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। सरकार बच्चों को के लिए परिवहन सुविधा का प्रबंध करेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाहौल स्पीति जिला के स्कूलों में 2100 बच्चे पंजीकृत हैं और शिक्षक 750 हैं। उन्होंने सत्ता पक्ष व विपक्ष से सुधार के कदम के लिए सहयोग मांगा।

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