लुधियाना : हलवारा के पक्खोवाल में एक निजी स्कूल में महिला टीचर के साथ मारपीट और बिना नोटिस दिए नौकरी के निकाल दिया गया। महिला टीचर सिमरनजीत कौर ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए इंसाफ की मांग की है। महिला टीचर का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक कमेटी के प्रधान भूपिंदर सिंह धालीवाल, प्रिंसिपल मंजीत कौर, पूर्व प्रिंसिपल इंदरपाल कौर, स्कूल की महिला कर्मी रूपा रानी और टीचर हरप्रीत कौर ने उसे स्कूल में ही बंदी बनाकर उसके साथ मारपीट की।
महिला टीचर सिमरनजीत कौर ने बताया कि कमेटी प्रधान भूपिंदर सिंह धालीवाल ने कई बार अश्लील कमेंट किए। जब उसने विरोध किया तो कई महीने परेशान करने के बाद बिना नोटिस नौकरी से ही निकाल दिया। 24 दिसंबर को जब वो कमेटी और परिजनों से बात करने गई तो उसे स्कूल में बंदी बनाकर मारपीट करने के साथ जाति प्रति अपशब्द भी कहे गए। मारपीट की मेडिकल रिपोर्ट सिविल अस्पताल रायकोट से करवाकर थाना सुधार में भी उसी दिन भेज दी गई थी जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। थाना सुधार के प्रभारी जसविंदर सिंह को मामले की शिकायत के तीन दिन बाद भी इंसाफ देना तो दूर उल्टा उसे ही डराया धमकाया गया। स्कूल प्रबंधन ने उसके खिलाफ स्कूल में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में खलल डालने की झूठी शिकायत पुलिस को देकर अपनी शिकायत वापिस लेने का दबाव बनाया गया। इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग और सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
प्रेस क्लब में अपनी मां दलजीत कौर पिता दर्शन सिंह के साथ पत्रकार वार्ता के दौरान सिमरनजीत कौर ने बताया कि 27 मार्च को उसने पक्खोवाल के जीएचजी पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ज्वाइन किया था। एक महीने बाद उसे 3500 रुपये पगार तो दी गई लेकिन ज्वाइनिंग लेटर नहीं दिया गया। बार बार लेटर मांगने के बावजूद इनकार किया जाता रहा। इस दौरान प्रधान भूपिंदर सिंह धालीवाल ने कई बार पास आने की कोशिश करते हुए अश्लील कमेंट किए। उसने विरोध किया तो सबक सिखाने की धमकी दी गई। इसके बाद 22 सितंबर को बिना किसी नोटिस के उसे नौकरी से निकाल दिया गया। वजह पूछने पर कहा गया कि उसके हाथ में टैटू बना है, जिसका बच्चों के परिजन विरोध कर रहे हैं। सिमरनजीत कौर उसने खुद स्कूली बच्चों के परिजनों से बात की तो उन्होंने टैटू से कोई भी दिक्कत होने से मना करते हुए स्कूल प्रबंधन पर मामले में झूठ बोलने की बात कबूली। सिमरनजीत कौर ने बताया कि 24 दिसंबर को स्कूल में धार्मिक कार्यक्रम था, जिसमें बच्चों के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया था। वह महिला टीचर आयशा रानी को साथ लेकर स्कूल प्रबंधन और परिजनों से टैटू का सत्य जानने गई थी।
अपनी फजीहत के डर से प्रबंधक कमेटी के प्रधान भूपिंदर सिंह धालीवाल ने प्रिंसिपल मंजीत कौर, पूर्व प्रिंसिपल इंदरपाल कौर, टीचर हरप्रीत कौर और रूपा रानी की मदद से उसे घसीट कर कमरे में बंद कर दिया। सब ने मिलकर उसे लात घूसे और थप्पड़ मारे। उसकी चुनरी से घसीटने के कारण गर्दन पर गहरे चोट के निशान बन गए जो आज भी मौजूद हैं। कमरे में बंद किए जाने रोने चिल्लाने की आवाजें राहगीर का वहां जमावड़ा लग गया। लोगों को बाहर इकठ्ठा होते देख उसे घसीट कर ऐसे कमरे में बंद कर दिया गया जहां से आवाज बाहर ना जा सके। पीड़ित सिमरनजीत कौर ने बताया कि एक घंटे से अधिक समय उसे बंदी बनाकर रखा गया और समागम खत्म होने के बाद उसे और आयशा रानी को धक्के देकर बाहर निकाल दिया। सिमरनजीत कौर ने इंसाफ की मांग की है। उसका कहना है कि स्कूल में कई अन्य महिला टीचर से बदसलूकी होती आ रही है लेकिन मजबूरी में कोई कुछ नहीं बोलता। हो सकता है उसके आगे आने पर हौसला मिले और वो भी पुलिस शिकायत करने की हिम्मत कर सके। सिमरनजीत कौर ने सुधार पुलिस के असंवेदनशील बर्ताव पर नाराजगी जताते हुए उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग भी की है।
प्रधान भूपिंदर सिंह धालीवाल बोले- कि 24 दिसंबर को सिमरनजीत कौर स्कूल आई थी, जिसने धार्मिक कार्यक्रम में खलल डालने की कोशिश की। सिमरनजीत कौर को बात करने के लिए कमरे में ले जाया गया। भूपिंदर सिंह धालीवाल ने कहा कि वह 65 वर्ष के हैं और उनकी पत्नी का देहांत हो चूका है। वो सिमरनजीत कौर को बेटी की तरह मानते हैं। उन्होंने जाति प्रति अपशब्द बोलने मारपीट करने या अश्लील कमेंट करने से इनकार किया है।
थाना सुधार के प्रभारी जसविंदर सिंह : सिमरनजीत कौर की शिकायत के बाद स्कूल प्रबंधक कमेटी ने भी उसके खिलाफ शिकायत की थी। व्यस्त होने के चलते दोनों तरफ की शिकायतों का निपटारा नहीं हो सका। पीड़ित सिमरनजीत कौर को इंसाफ दिलाया जाएगा। वो जल्द शिकायत और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे।
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