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देहरा से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक कमलेश ठाकुर व नालागढ़ से कांग्रेस नवनिर्वाचित विधायक हरदीप बाबा ने सोमवार को विधानसभा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। वहीं हमीरपुर से भाजपा के विधायक आशीष शर्मा ने दूसरी बार विधायक पद की शपथ ग्रहण की। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उन्हें शपथ दिलाई।
तीन विधायकों के निर्वाचित होने के साथ ही सदन में कुल 68 सदस्य हो गए हैं और कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 हो गई है, जबकि भाजपा के 28 विधायक हैं। हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार विधानसभा में कोई भी निर्दलीय विधायक नहीं है। साथ ही, प्रदेश में यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी एक ही सदन के सदस्य हैं।
तीन सीटों देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर के लिए उपचुनाव 10 जुलाई को तीन निर्दलीय विधायकों – होशियार सिंह, के.एल. ठाकुर और आशीष शर्मा के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद हुए थे। 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में तीनों निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस के छह बागियों के साथ भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था।
बाइस मार्च को तीनों निर्दलीय विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया और अगले दिन भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, उनके इस्तीफे को स्पीकर ने तीन जून को स्वीकार कर लिया था। तीनों निर्दलीय विधायकों को भाजपा ने अपनी-अपनी सीटों से टिकट दिया था, लेकिन आशीष शर्मा अपनी सीट बचाने वाले एकमात्र विधायक थे, जबकि अन्य दो कांग्रेस उम्मीदवारों से उपचुनाव हार गए।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया। सुक्खू ने उम्मीद जताई कि भाजपा अब ”नकारात्मक” राजनीति छोड़कर विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने में सरकार का सहयोग करेगी। इस पर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उपचुनाव जीतने का आरोप लगाया।