अमृतसर, 28 अक्तूबर : शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार हरजिंदर सिंह धामी को सोमवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) का अध्यक्ष लगातार चौथी बार चुना गया। अगले वार्षिक कार्यकाल 2024-2025 के लिए धामी ने बीबी जगीर कौर को एक निर्णायक अंतर से हराया। इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट को झटका लगा है क्योंकि बीबी जागीर कौर को केवल 33 वोट ही मिले हैं। अकाली दल में कुछ नेताओं द्वारा बगावत के बाद बागी उम्मीद लगाकर बैठे थे कि इन चुनावों में बेहतर प्रदर्शन होगा।
एसजीपीसी के इस शीर्ष पद के लिए कुल 142 वोट डाले गए। धामी ने खुले में हाथ उठाकर चुनाव प्रक्रिया करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। धामी को 107 वोट मिले, जबकि बीबी जगीर कौर को केवल 33 वोट ही मिल सके। दो वोटों को अवैध घोषित किया गया। एसजीपीसी के 148 सदस्यों में से 142 सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेने पहुंचे, जो स्वर्ण मंदिर परिसर के तेजा सिंह समुंदरी हॉल में आयोजित हुआ।
11 एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाए गए : रघुजीत सिंह विर्क को सीनियर मीत प्रधान नियुक्त किया गया है और शेर सिंह मंड को जनरल सेक्रेटरी बनाया गया है। साथ ही 11 एग्जीक्यूटिव सदस्य भी बना दिए गए हैं, जिनमें बीबी हरजिंदर कौर, अमरीक सिंह, सुरजीत सिंह, परमजीत सिंह खालसा, सरदार सुरजीत सिंह गड़ी, बलदेव सिंह कैमपुर, दलजीत सिंह भिंडर, सुखप्रीत सिंह रोडे, रविंदर सिंह खालसा, जसवंत सिंह और परमजीत सिंह रायपुर शामिल हैं।
एसजीपीसी चुनाव और भविष्य की योजना : गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 के तहत, एसजीपीसी निकाय को हर साल पुनर्गठित किया जाना आवश्यक है, जिसमें अध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कनिष्ठ उपाध्यक्ष, महासचिव और 15 सदस्यीय कार्यकारी समिति का चुनाव किया जाता है। इस बार का चुनाव संभावित रूप से मौजूदा निकाय का आखिरी वार्षिक चुनाव हो सकता है, क्योंकि मुख्य गुरुद्वारा चुनाव आयोग ने एसजीपीसी के सामान्य चुनाव (पांच साल के कार्यकाल के लिए) की घोषणा की है। इसके लिए मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है और अगले वर्ष तक चुनाव होने की संभावना है। धामी वर्ष 2021 से लगातार एसजीपीसी अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं और उनके पिछले कार्यकाल विवादों से मुक्त रहे हैं। उनका जन्म 28 अगस्त 1956 को हुआ था और वे पंजाब के दोआबा क्षेत्र के निवासी हैं। 1996 से वह शम चौरासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं और होशियारपुर जिले के पिपलां वाला गाँव से संबंध रखते हैं।
अध्यक्ष पद के लिए इस चुनावी प्रक्रिया में स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी और अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, तख्त श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह और अकाल तख्त के अतिरिक्त ग्रंथी ज्ञानी मलकित सिंह ने भी सभा में उपस्थिति दर्ज कराई।