चंडीगढ़। गैंगस्टर लॉरेंस के जेल के अंदर टेलीविजन चैनल को इंटरव्यू के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। बुधवार को कोर्ट ने कहा है कि पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने इंटरव्यू की इजाजत दी। सीनियर पुलिस ऑफिसर के कमरे को स्टूडियो के रूप में इस्तेमाल करने दिया। हाईकोर्ट ने कहा, ‘पुलिस वालों ने ही गैंगस्टर के इंटरव्यू के लिए वाईफाई अरेंज कराया। जो अपराध को महिमामंडित करता है। इस मामले में आगे भी जांच कराई जाए। नई सिट का गठन किया जाए, जो पुलिस और गैंगस्टर लॉरेंस के बीच सांठ-गांठ की जांच करेगी। साथ ही मामले में रिश्वत मिलने का संकेत भी मिलता है। इसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी मामला बनता है।
गैंगस्टर लॉरेंस के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। सिट की रिपोर्ट के मुताबिक, पहला इंटरव्यू 3 और 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस को उस समय पंजाब के खरड़ के पुलिस थाने में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ था। जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बैनर्जी की डिवीजन बेंच ने यह निर्देश तब दिए जब मामले की जांच कर रहे सिट के अध्यक्ष स्पेशल डीजीपी (पंजाब स्टेट ह्यूमन राइट्स कमिशन) प्रबोध कुमार ने अपनी रिपोर्ट पेश की।रिपोर्ट में उन्होंने कहा था कि इस मामले में अब और कुछ बचा नहीं। अदालत ने इस मामले में पंजाब सरकार को भी फटकारा। कोर्ट ने कहा कि निचले स्तर के अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
पुलिस ने इन अधिकारियों पर की कार्रवाई : पंजाब पुलिस ने पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की। इसमें डीएसपी गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), डीएसपी समर वनीत, इंस्पेक्टर रीना (सीआईए खरड़ में तैनात), सब जगतपाल जंगू (एजीटीएफ में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (एजीटीएफ), एएसआई मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं।
डीजीपी ने खारिज किया था दावा : गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। डीजीपी ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी।
पहला इंटरव्यू : लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को सामने आया था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूल की थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रैंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसकी हत्या कराई। सिट रिपोर्ट के मुताबिक, यह वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी के दौरान दिया।
दूसरे इंटरव्यू : लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।