नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लोकसभा में दिए गए ‘हिन्दू धर्म’ वाले बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इंडियन यूथ कांग्रेस के ‘एक्स’ हैंडल से शेयर किए गए एक वीडियो में शंकराचार्य को यह कहते सुना जा सकता है कि अगर मुझे कोई कहता है कि कौवा कान ले गया, तो सबसे पहले मैं अपने कान को देखता हूं।
अगर कान नहीं होगा तो ही मैं कौवे के पीछे दौड़ूंगा। जब मुझे पता चला कि राहुल गांधी ने हिंदू धर्म को लेकर संसद में कोई बयान दिया है तो मैं उनका पूरा भाषण निकाल करके देखा। इस दौरान मैंने देखा कि उन्होंने हिंदू धर्म के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है।
”उन्होंने केवल इतना कहा कि हिंदू धर्म में हिंसा का कोई स्थान नहीं है, जो सच है. उनके आधे बयान को तोड़ मरोड़कर फैलाया जाना एक अपराध और दुष्प्रचार है। ऐसा करने वाले को दंडित किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी के ‘हिन्दू धर्म’ वाले बयान पर शंकराचार्य ने दी प्रतिक्रिया : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस वीडियो को भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने भी एक्स पर शेयर किया है। उन्होंने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए लिखा कि शंकराचार्य जी ने BJP के पूरे प्रोपेगैंडा की न सिर्फ हवा निकाल दी बल्कि देश को एक सीख भी दी है। ये वीडियो देखिये और समझिये कैसे धर्म के राजनैतिक ठेकेदार संघी जनता को गुमराह कर डराते है, और अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकते हैं।
लोकसभा में ‘हिन्दू धर्म’ पर राहुल गांधी ने क्या कहा था : दरअसल, राहुल गांधी ने सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाते हुए कहा था कि शिव जी कहते हैं कि डरो मत और अहिंसा की बात करो. हिंदू धर्म में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हमें सत्य के साथ खड़ा होना चाहिए. अहिंसा हमारा प्रतीक है। जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा में लिप्त हैं। जो खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, घृणा और असत्य की बात करते हैं। आप हिंदू हो ही नहीं. नेता प्रतिपक्ष के इस बयान पर भाजपा सांसदों ने कड़ा विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दौरान हस्तक्षेप किया। कांग्रेस सांसद को टोकते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है। गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद से भाजपा को हिंसा से जोड़ने के लिए माफी मांगने की मांग की थी।