एएम नाथ। शिमला : राज्य सरकार शिक्षा एवं प्रशासनिक कार्यों में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने जा रही है। इसके लिए राज्य के प्राथमिक स्कूल में काम कर रहे 17,510 शिक्षकों को टैबलेट देगी। इसका उद्देश्य शिक्षण कार्यों में आधुनिकीकरण को बढ़ावा देना, डिजिटल शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करना और डाटा अपडेट करने जैसे प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाना है।
इसके माध्यम से अध्यापक ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेकर अपने ज्ञान को बढ़ा सकेंगे। यही नहीं स्कूल व कॉलेजों में वर्चुअल कक्षाएं शुरू की है। मौजूदा शैक्षणिक सत्र में इसे और बढ़ाया जाएगा ताकि शिक्षक की गैर हाजरी में भी बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। प्रेस को जारी बयान में सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि स्कूलों के क्लस्टर बनने से विद्यार्थियों और अध्यापकों दोनों की संख्या बढ़ी है। सरकार राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक से लैस राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है।
सरकार ने विधवा, निराश्रित, परित्यक्त और विकलांग महिलाओं के बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ भी शुरू की है। 15,181 स्कूलों में ‘बाल पौष्टिक आहार योजना’ शुरू की गई है जिससे 5.34 लाख बच्चों को अंडे, फल जैसे अतिरिक्त पोषण का लाभ मिला है। प्रदेश सरकार ने इस पहल के लिए 12.75 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत एक प्रतिशत की मामूली ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है।
‘मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना’ भी शुरू की गई है जिसका लाभ नर्सरी से आठवीं कक्षा तक 15,181 के बच्चे उठा रहे हैं। सरकार ने शिक्षकों के लिए विदेशों में एक्सपोजर विजिट की पहल की है जिसके तहत शैक्षणिक गतिविधियों का ज्ञान अर्जन करने के लिए पहले चरण में 200 शिक्षक सिंगापुर भ्रमण पर भेजे गए।