हिमाचल में रेड अलर्ट : 5 NH और 1334 सड़कें बंद, 2 हजार वाहन फंसे, रेल सेवा सस्पेंड

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एएम नाथ । शिमला : हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में मंगलवार को भी भारी बारिश जारी रही। सूबे में भारी बारिश से हालात बेहद खराब हो गए हैं। भारी बारिश के कारण रेल सेवा स्थगित कर दी गई है। 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 1,334 सड़कें बंद हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल्लू और मंडी में लगभग 2 हजार वाहन जहां तहां फंस गए हैं। स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। मौसम विभाग ने राज्य के कुछ इलाकों में भारी से ज्यादा भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है।

भारी बारिश का रेड अलर्ट

इस बीच मौसम विभाग ने अगले 14 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों के अलग-अलग हिस्सों में गरज चमक और वज्रपात के साथ भारी से ज्यादा भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जिलों के कुछ हिस्सों में भारी से ज्यादा भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उना, बिलासपुर और हमीरपुर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

5 एनएच समेत 1,311 सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में 5 राष्ट्रीय राजमार्ग और 1,334 सड़कें बंद हैं। हिमाचल के मंडी में सबसे ज्यादा 281 सड़कें बंद हैं। मंडी में 281, शिमला में 255, चंबा में 239, सिरमौर में 139 और सोलन में 46 सड़कें बंद हैं। कुल्लू में एनएच-3 और एनएच-305, किन्नौर में एनएच-5, मंडी में एनएच-3 और सिरमौर में एनएच-707 यातायात के लिए ठप पड़े हैं।

मंडी-कुल्लू में 2,000 से ज्यादा वाहन फंसे

बताया जाता है कि शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग-5 सोलन जिले के सनवारा में भूस्खलन के कारण बंद है। इससे दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। यह राजमार्ग हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग के नाम से भी जाना जाता है। धरमपुर-कसौली सड़क भी अवरुद्ध होने का खतरा है। ‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मंडी और कुल्लू में 2,000 से ज्यादा वाहन फंसे हैं। इससे यात्रियों और पर्यटकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सेब उत्पादक किसानों पर तगड़ी मार

कटौला होकर जाने वाला वैकल्पिक मार्ग भी एक और भूस्खलन के बाद बंद कर दिया गया है, जिससे मंडी और कुल्लू के बीच यातायात के लिए तत्काल कोई रास्ता नहीं बचा है। इस दोहरी नाकेबंदी ने पूरे क्षेत्र में परिवहन सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। आंतरिक क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। आंतरिक क्षेत्रों में सड़कें कई दिनों से बंद हैं। इसका सबसे बुरा असर सेब उत्पादक किसानों पर पड़ा है। किसान अपनी फसल को बाजारों तक भेजने में असमर्थ हैं।

ट्रेन सेवाएं सस्पेंड

सोमवार को शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के बाद ट्रेनें रद्द कर दी गईं। ये ट्रेन सेवाएं 5 सितंबर तक स्थगित रहेंगी। बीते 24 घंटे में बिलासपुर जिले के नैना देवी में सर्वाधिक 200 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला जिले के रोहड़ू में 80, हमीरपुर के बड़सर में 60, कुकुमसेरी, नादौन, धर्मशाला, ऊना, करसोग, आरएल बीबीएमबी, भुंतर, सराहन, मनाली, नाहन में 50 मिमी, नंगल डैम और ऊना में 49-49 और बिलासपुर में 40 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

बंद रहे स्कूल

सूबे में लगातार हो रही भारी बारिश और मौसम विभाग की ओर से जारी अलर्ट को देखते हुए सोमवार को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नौ जिलों के स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया था। मंगलवार को शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, लाहौल एवं स्पीति और सोलन जिलों के अलावा कुल्लू जिले के बंजार, कुल्लू एवं मनाली उपमंडल में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।

5,000 तीर्थयात्री भी फंसे, 16 की मौत

चंबा जिले में लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्री फंसे बताए जाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस सभी तीर्थयात्रियों को वापस घर भेजने के प्रयास जारी हैं। बीते 15 अगस्त को मणिमहेश यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। सरकार की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, सोमवार को राज्य भर में 3,263 बिजली ट्रांसफार्मर और 858 जलापूर्ति योजनाएं बाधित रहीं।

शुरू हुई बर्फबारी

इस बीच राज्य के उच्च पर्वतीय इलाकों में भी बर्फबारी शुरू हो गई है। मनाली की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई, वहीं लाहौल-स्पीति की स्पीति घाटी के कुंजम जोत में भी बर्फबारी हुई। इससे तापमान गिर गया और मौसम ठंडा हो गया है। खराब मौसम के चलते किन्नौर के निचार उपमंडल सहित प्रदेश के 11 जिलों में सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे।

भाखड़ा डैम के चारों गेट खोले

भारी वर्षा और ऊपरी जलभराव के कारण बीबीएमबी ने भाखड़ा डैम के चारों फ्लड गेट 7-7 फीट तक खोल दिए हैं। सुबह गोविंद सागर झील का जलस्तर खतरे के निशान 1680 फीट से तीन फीट नीचे था। जलस्तर बढ़ने से बांध से पानी छोड़ने की तैयारी की गई है ताकि डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में अचानक बाढ़ की स्थिति से बचा जा सके।

लोगों का पलायन, उफान पर यमुना

सिरमौर जिले में पांवटा साहिब के पांवटा क्षेत्र में गिरी नदी उफान पर है और बांगरण गांव के कई घर खतरे में हैं। लोग देर रात से ही सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हनुमान मंदिर परिसर तक पानी घुस चुका है।

बिजली पानी की सप्लाई पर असर

भारी बारिश से बिजली और पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित रही। पूरे प्रदेश में 2180 ट्रांसफार्मर बंद हो गए हैं। सिरमौर में 443, मंडी में 373, कुल्लू में 323, शिमला में 302, चंबा में 207, सोलन में 191, हमीरपुर में 129 और लाहौल-स्पीति में 117 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल रही। प्रदेश की कुल 777 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें शिमला की 272, कांगड़ा की 212 और चंबा की 100 योजनाएं शामिल हैं।

4 सितंबर से राहत के आसार

मौसम विभाग के अनुसार, 4 सितंबर से मॉनसून धीरे-धीरे कमजोर होगा। मौसम विभाग की मानें तो हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 4 से 8 सितंबर तक हल्की बारिश की संभावना है, लेकिन इस दौरान कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया गया है।

340 की मौत, आपदा प्रभावित राज्य घोषित

मॉनसून सीजन में अब तक हिमाचल में 340 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता और 389 घायल हुए हैं। पूरे राज्य में 4497 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 917 पूरी तरह ढह गए। इसके अलावा 486 दुकानें और 4008 गौशालाएं नष्ट हो चुकी हैं। सार्वजनिक संपत्ति को अब तक 3525 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है। प्रदेश सरकार ने लगातार हो रही तबाही को देखते हुए हिमाचल को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर दिया है।

 

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