शिमला :
हिमाचल में लोगों की हार्ट अटैक से मौत न हो, स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में एक कॉन्सेप्ट पर काम कर रहा है। इसमें विभाग फील्ड स्तर पर टेली ईसीजी सेवा शुरू करने जा रहा है। प्रदेश की जनता को इस सेवा का लाभ जल्द से जल्द मिल सके, इसके लिए विभाग गाइडलाइन तैयार कर रहा है। दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए यह तकनीक काफी फायदेमंद रहने वाली है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में हर साल 4000 लोग हार्ट अटैक का शिकार होते हैं। इसमें चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 1000 लोगों की मौत हो जाती है। एनएचएम के मिशन निदेशक हेमराज बेरवा ने कहा कि टेली ईसीजी सेवा शुरू करने से पहले इसकी गाइडलाइन तैयार की जा रही है। जल्दी इस सेवा को लोगों के लिए लॉन्च किया जाएगा।
अगर किसी भी व्यक्ति को अचानक से हार्ट अटैक आ जाता है तो टेली ईसीजी के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग बिना किसी देरी के उसका प्रारंभिक उपचार शुरू कर सकेगा। इस तकनीक में डिजिटल रिपोर्ट तुरंत प्रदेश के सभी बड़े संबंधित अस्पताल तक पहुंच जाएगी और वहां तैनात डॉक्टर तुरंत टेली ईसीजी के माध्यम से उपचार बता सकेंगे।
स्थिति कंट्रोल में आने के बाद व्यक्ति अपने आगे के इलाज के लिए बड़े अस्पताल तक आसानी से पहुंच सकेगा। विभाग का प्रयास हार्ट अटैक के दौरान गोल्डन आवर पीरियड में मरीज को सुविधा उपलब्ध कराकर उसकी जान को बचाना है। विभाग इसी कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए टेली ईसीजी सेवा को शुरू कर रहा है।
इस योजना पर बड़े स्तर पर काम करने से पहले विभाग आईजीएमसी में टेली ईसीजी सेवा को शुरू कर चुका है। शिमला जिला स्तर पर इस योजना पर ट्रायल किया गया जो सफल रहा। अब विभाग इसे प्रदेश में फील्ड स्तर पर शुरू करना चाह रहा है, जिसकी गाइडलाइन इन दिनों तैयार की जा रही है।