हिमाचल में कार्यरत अधिकतर डॉक्टरों को हिमाचल से बाहर दूसरे राज्यों में जाकर देनी होगी ये परीक्षा
केंद्रीय स्वास्थ्य मन्त्री से की हिमाचल में परीक्षा केंद्र बनाने की मांग
एएम नाथ। शिमला : पांगी-भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज का कहना है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन द्वारा 11 अगस्त को डॉक्टरों की नीट पीजी, एमडी व एमएस परीक्षा रखी गई है। इस परीक्षा में हिमाचल में कार्यरत अधिकतर डॉक्टरों को हिमाचल से बाहर दूसरे राज्यों में जाकर ये परीक्षा देनी पड़ेगी। विषम भागौलिक परिस्थितियों और वर्तमान मौसम के हालातों के चलते प्रदेश से बाहर आने जाने में अधिक दिनों का समय लगेगा साथ ही ख़तरा भी है। इसके चलते हिमाचल में संसदीय क्षेत्र के आधार पर कम से कम चार सेंटर बनाए जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 4 हज़ार से अधिक डॉक्टर्स ये परिक्षा देने जा रहे हैं। इस समय प्रदेश के अंदर भारी बरसात के कारण कई जगह भारी नुकसान हुआ है कई स्थानों पर रास्ते अवरुद्ध हैं और यात्रा में सामान्य से अधिक समय लगने की संभावना है। वैसी स्तिथि में कई दिनों तक राज्य से बाहर जाना होगा और इस से मेडिकल की आपातकालीन सेवाएं बाधित होंगी और मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में कई स्थानों पर आपदा जैसे हालात उत्पन्न हो सकतें हैं। वैसी स्तिथि में डॉक्टर्स को अपने कार्यस्थल पर उपलब्ध रहना आवश्यक है।
विधायक डॉ. जनक राज का कहना है कि हिमाचल से अधिकतर डॉक्टर्स को 500 से 1000 किलोमीटर की दूरी तय करके यह परिक्षा देनी होगी क्योंकि कुछ दिन पहले NBE द्वारा जो परीक्षा केंद्रों की लिस्ट निकाली गई थी उसमे हमीरपुर को छोड़ कर बाकी केंद्रों को स्थगित कर दिया गया है। जिस कारण समस्या पैदा हुई है। अब केवल हमीरपुर ही एक मात्र परीक्षा केंद्र रह गया है।
हिमाचल मेडिकल ऑफ़िसर्स संघ ने इस विषय के बारे में हमसे अपनी समस्या साँझा की है। इनकी इस समस्या की गंभीरता को भाँपते हुए हमने माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मन्त्री जगत प्रकाश नड्डा से यह अपील की है कि हिमाचल के मरीज़ों के हितों और वर्तमान परिस्थितियों और डॉक्टर्स की समस्या को ध्यान में रखते हुए इस माँग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके हिमाचल के डॉक्टर्स के लिए हिमाचल के अंदर ही इस परीक्षा को देने के लिए कम से कम चार ( संसदीय क्षेत्र बार) परीक्षा केंद्र अधिसूचित करवायें जाएं।