गढ़शंकर, 29 अगस्त: हेडमास्टर्स एसोसिएशन, पंजाब के निमंत्रण पर पंजाब के 117 विधायकों और 13 सांसदों को ज्ञापन सौंपने और उनकी मांगों को न माने जाने के विरोध में आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत, आज हेडमास्टर्स एसोसिएशन, गढ़शंकर ने गढ़शंकर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डिप्टी स्पीकर श्री जय कृष्ण सिंह रौड़ी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने हेडमास्टर कैडर की जायज मांगों को पंजाब के माननीय मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का वादा किया। इस अवसर पर बोलते हुए जिला प्रधान हेडमास्टर श्री दिलदार सिंह ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती रही और किसी विशेष कैडर को प्राथमिकता देने की कोशिश करती रही तो हेडमास्टर सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि पिछले छह महीनों से शिक्षा विभाग द्वारा लिया जा रहा हर फैसला अप्रत्यक्ष रूप से किसी विशेष कैडर को अतिरिक्त लाभ देने के लिए लिया गया प्रतीत होता है और भविष्य में भी इस मामले में सब कुछ काला ही नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि हेडमास्टर कैडर के पी.ई.एस. अधिकारी विरोध प्रदर्शन और धरने आदि का रास्ता नहीं अपनाना चाहते थे। यह पंजाब सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियां ही हैं जो उन्हें इस रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर रही हैं। एसोसिएशन के ब्लॉक अध्यक्ष हेडमास्टर सरदार बलजीत सिंह ने कहा कि पिछले लंबे समय से उपेक्षित उनकी जायज व उचित मांगों को न माने जाने के विरोध में हेडमास्टर कैडर में भारी रोष है, जिसके चलते सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि भले ही 2019 में हुई भर्ती के दौरान सरकारी स्कूलों में वर्षों से कार्यरत अध्यापकों ने पीपीएससी परीक्षा पास कर जनवरी 2020 में हेडमास्टर के पद पर ज्वाइन कर लिया और कुछ ही दिनों में स्कूलों की नुहार बदल दी, लेकिन पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उनकी जायज व उचित मांगों की ओर कभी भी गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। जहां उनके प्रधानाध्यापक संवर्ग को अपना प्रोबेशन पीरियड विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से पूरा करना पड़ा, वहीं वह संवर्ग तत्कालीन सरकारों द्वारा किए जा रहे भेदभाव से कितना व्यथित व स्तब्ध होगा। एसोसिएशन के राज्य कमेटी सदस्य प्रधानाध्यापक श्री संदीप बडेसरों ने कहा कि अब प्रधानाध्यापक संवर्ग चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि इसके तहत हर मोर्चे पर संघर्ष के लिए लामबंदी शुरू की जाएगी तथा कानून का सहारा भी लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार प्रधानाध्यापक संवर्ग की ग्रेड पे बढ़ाने, उच्च दायित्व वेतन वृद्धि देने, अब तक जमा बैकलॉग कोटे की पदोन्नति देने तथा प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति कोटे में 50% वृद्धि करने जैसी सर्वथा जायज, उचित व तर्कसंगत मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं देती है तो प्रधानाध्यापक संवर्ग एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने को मजबूर होगा। इस अवसर पर मुख्याध्यापक दिलदार सिंह, बलजीत सिंह, सुखविंदर कुमार, संदीप बड़ेसरों, मुख्याध्यापिका प्रीति रतन और नवदीप सहगल उपस्थित थे।