होम स्टे के नियमों में बदलाव पर उलझन में सुक्खू सरकार : मंत्रिमंडल ने विभाग को वापस भेजा प्रस्ताव

by

शिमला। हिमाचल में होम स्टे के लिए नियमों में बदलाव पर सरकार उलझन में है। शनिवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटन विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया। मामले पर विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई। मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव लौटा कर कुछ और बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी देने को कहा है। अब अगली मंत्रिमंडल की बैठक में इसे चर्चा के लिए लाया जाएगा।

 नहीं बन पा रही सहमति :   इस मामले को 22 अक्टूबर को भी मंत्रिमंडल की बैठक में लाया गया था। इससे पहले दो बार मंत्रिमंडल की बैठक में इसको लेकर चर्चा हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार होम स्टे के लिए जो नियम बनाए हैं उसको लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।

पर्यटन विभाग ने जो प्रस्ताव भेजा था उसके तहत होम स्टे के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया था। प्रति कमरे का किराया सुविधाओं के अनुसार ही तय करने का प्रविधान था। होम स्टे के लिए बिजली व पानी व्यावसायिक दर पर देने का प्रस्ताव था। यदि कोई व्यक्ति घर के खाली क्षेत्र में इसे चला रहा है तब भी उसे अलग से बिजली व पानी का मीटर लेना होगा।

सबसे बड़ा यह है  बदलाव : प्रस्ताव में ऐसे लोग जिन्होंने धारा-118 के तहत जमीन खरीदी है वह उस पर होम स्टे नहीं चलाने की अनुमति नहीं है। सूत्रों के अनुसार इस पर कुछ आपत्तियां आ रही हैं। इस पर कानूनी राय भी ली जा रही है।  होम स्टे का पंजीकरण शुल्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रस्तावित है। हिमाचल में चार हजार होम स्टे पंजीकृत हैं। मंत्रिमंडल यदि नए नियमों को स्वीकृति देता है तो सभी इसके दायरे में आ जाएंगे।   वर्ष 2008 में होम स्टे नीति बनाई गई थी। युवाओं को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से तत्कालीन सरकार यह नीति लाई थी। पहले इसमें तीन कमरों में होम स्टे चला सकते थे। बाद में इसे पांच कमरे किया गया था।

इस योजना के लाभ परित्यक्त बच्चों को मिलेंगे :  मंत्रिमंडल की बैठक में परित्यक्त बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लाभ प्रदान करने को स्वीकृति प्रदान की गई। ऐसे बच्चों का पता लगाया जाएगा और उन्हें इसके अधीन लाया जाएगा।  इसके साथ ही इन्हें मिलने वाले लाभ समयबद्ध महले इसके लिए अब जिला उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिलास्तरीय समिति सभी वित्तीय मंजूरियां प्रदान करेंगी। अभी तक राज्यस्तरीय समिति से स्वीकृति मिलने के बाद ही लाभ मिलता था।

 50
हजार रुपये ई-टैक्सी लगाने पर मासिक न्यूनतम किराया तय :   मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना-2023 को लागू करने को मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत विभिन्न सरकारी विभागों से संबद्ध ई-टैक्सी मालिकों को न्यूनतम 50 हजार रुपये मासिक किराया प्रदान करना सुनिश्चित किया जाएगा। अभी तक सरकारी विभागों के लिए इस योजना के तहत चार श्रेणियों के लिए 121 टैक्सियों की मांग आई है।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
हिमाचल प्रदेश

घुमारवीं सिविल अस्पताल में जल्द मिलेगी लिफ्ट की सुविधा

रोहित जसवाल।  घुमारवीं  :  प्रदेश सरकार के नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने बताया कि घुमारवीं सिविल अस्पताल में जल्द ही लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।...
article-image
हिमाचल प्रदेश

10 जगहों पर सार्वजनिक बैठक और धरना-प्रदर्शन करने पर शिमला शहर में पाबंदी

शिमला : शिमला शहर की 10 जगहों पर सार्वजनिक बैठक और धरना-प्रदर्शन करने पर पाबंदी लगा दी गई है। जिला दंडाधिकारी शिमला ने सोमवार को इस संबंध में ओदश जारी किए हैं।  इसके मुताबिक...
article-image
हिमाचल प्रदेश

पर्यटन अधोसंरचना निर्माण व सुदृढ़ीकरण पर खर्च होंगे 2415 करोड़ रुपयेः मुख्यमंत्री सुक्खू

एएम नाथ। शिमला : मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य स्तम्भ है। राज्य सरकार...
article-image
पंजाब

होशियारपुर के विकास के लिए स्थानीय निकाय विभाग की ओर से नहीं छोड़ी जाएगी कोई कमीः डा. रवजोत सिंह

स्थानीय निकाय मंत्री ने नगर निगम को 1.76 करोड़ रुपए की सुपर सकर मशीन की समर्पित होशियारपुर, 3 दिसंबरः  पंजाब के स्थानीय निकाय और संसदीय मामले मंत्री डा. रवजोत सिंह ने आज नगर निगम...
Translate »
error: Content is protected !!