पटना: नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुन लिया गया है. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नीतीश कुमार अब रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बैठक में भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने नीतीश कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा था। नीतीश कुमार एनडीए विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद थोड़ी देर में राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं.
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का जायजा लिया
इससे पहले नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का जायजा लिया था. यह समारोह गुरुवार सुबह 11 बजे आयोजित किया जाएगा और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं।
गृह मंत्रालय पर नजर : बिहार विधानसभा में कुल 243 सदस्य हैं. संवैधानिक रूप से मंत्रिपरिषद का अधिकतम आकार 15% यानी 36 मंत्री हो सकता है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. भाजपा और जद (यू) दोनों गृह मंत्रालय पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि शिक्षा मंत्रालय भी चर्चा का विषय है. दोनों पक्ष विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए इच्छुक हैं. संभावित उम्मीदवार भाजपा के प्रेम कुमार और जद (यू) के विजय चौधरी हैं. पिछले विधानसभा में भाजपा के नंद किशोर यादव अध्यक्ष थे, जबकि जद (यू) के नरेंद्र नारायण यादव उपाध्यक्ष रहे।
गहन विचार-विमर्श जारी : शपथ ग्रहण से पहले एनडीए के दो प्रमुख घटक भाजपा और जेडीयू के बीच कैबिनेट विभागों के आवंटन और विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर खींचतान और गहन विचार-विमर्श जारी है. दोनों दल अपने-अपने दावेदारों को इस अहम पद पर देखना चाहते हैं।
स्पीकर पद और कैबिनेट विभागों के बंटवारे पर सहमति बनाने के लिए जेडीयू के वरिष्ठ नेता केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह), राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में दोनों दलों के बीच आपसी सहमति बन गई है. इसके बाद दोनों नेता पटना वापस लौट चुके हैं।
भाजपा का अहम फैसला : इसी बीच भाजपा ने एक अहम फैसला लिया है. पार्टी की बैठक में सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता और विजय कुमार सिन्हा को उप नेता के रूप में दोबारा चुना गया।
