1000 करोड का पंजाब के राजस्व में कम से कम नुकसान : एक्ससाइज पॉलिसी की जांच की मांग

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चंडीगढ़, 24 मार्च :   भाजपा की पंजाब इकाई के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को भारत के निर्वाचन आयोग से राज्य की आबकारी नीति की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच का आदेश देने का आग्रह किया।  भाजपा का दावा है कि पंजाब के लिए आबकारी नीति दिल्ली की तर्ज पर तैयार की गई है। पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, प्रदेश इकाई के पूर्व प्रमुख अश्वनी शर्मा और मनोरंजन कालिया, विधायक जंगीलाल महाजन, राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य हरजीत सिंह और प्रदेश महासचिव परमिंदर बराड़ शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें राज्य की आबकारी नीति की ईडी से जांच कराने की मांग की गई। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी  के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को बृहस्पतिवार को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। जाखड़ ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा दो वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मई 2022 में राज्य की आबकारी नीति तैयार करने के लिए दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ एक बैठक में भी शामिल हुए थे। सिसोदिया भी दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार हैं। जाखड़ ने कहा, ‘हमने पंजाब की आबकारी नीति की ईडी से जांच कराने की मांग की है।’ उन्होंने ज्ञापन में आरोप लगाया कि पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने पंजाब के संसाधनों की आधिकारिक लूट के लिए दिल्ली के अपने आकाओं के इशारे पर काम किया, जो अब सलाखों के पीछे हैं और ऐसी आशंका है कि पंजाब आबकारी नीति के माध्यम से हुए इस पक्षपात और अवैधता के चलते पंजाब को राजस्व में कम से कम 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

भाजपा को केजरीवाल से दिक्कत :  आप की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर कंग ने  जाखड़ के उन आरोपों की आलोचना की थी और दावा किया था कि राज्य की आबकारी नीति के कारण एक साल में राजस्व 6,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें केजरीवाल से दिक्कत है क्योंकि वे भाजपा की जनविरोधी नीतियों पर जोरदार हमला करते हैं और उसे लगातार उजागर करते हैं। इसीलिए वे उनसे डरते हैं। भाजपा नहीं चाहती कि अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव में प्रचार करें, इसलिए उसने उन्हें (आप प्रमुख को)गिरफ्तार करा दिया है।

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