रोहित भदसाली। शिमला : इस आधुनिक युग में हर किसी के पास वक्त की भारी कमी है. अपना वक्त बचाने के लिए लोग ज्यादातर मोबाइल इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. बात चाहे ऑनलाइन पेमेंट करने की हो या फिर दफ्तर का काम जल्दी निपटाने की, मोबाइल इंटरनेट हर जगह मददगार साबित होता है. मोबाइल इंटरनेट के जरिए न सिर्फ लोगों की जिंदगी आसान हुई है, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है. इस बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है.
हिमाचल प्रदेश के एक हजार 456 गांव में अभी तक मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है. यह जानकारी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से दी गई है. मंगलवार (3 सितंबर) को इंदौरा से विधायक से महेंद्र राजन के डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग से जुड़े एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से यह जवाब दिया गया है. सीएम के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश के 1 हजार 456 गांव में अभी तक मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं. इनमें से 1 हजार 201 गांवों को 4G Saturation प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है. इसके अलावा, राज्य में मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित 213 गांव बिना आबादी वाले हैं. यहां लोग नहीं रहते हैं.
राज्य के 42 गांवों को 4G Saturation प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए दूर संचार विभाग (हिमाचल प्रदेश लाइसेंस्ड सर्विस एरिया) की ओर से दूर संचार विभाग, Universal Service Obligation Fund (USOF), भारत सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है. वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थिक अनुशासन लाया जा रहा है. राज्य सरकार आर्थिक संकट से पार पा चुकी है. अब राज्य आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने विपक्ष पर मुद्दे को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया.