एएम नाथ । शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर 2022 से 31 जुलाई 2024 तक राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों के अंतर्गत 1457 पदों को सृजित किया गया और 18,473 पदों को भरने की संस्तुति की गई।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने सदन के पटल पर यह जानकारी बिलासपुर के भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल के प्रश्न के लिखित उत्तर में।
संजय रतन ने निजी संस्थानों में बीएएमएस का स्टाइपंड नहीं देने का उठाया मामला
ज्वालामुखी के कांग्रेस विधायक संजय रतन ने शून्यकाल में निजी संस्थानों से बीएएमएस का स्टाइपंड नहीं देने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि उनसे इंटर्नशिप करने की भी फीस ली जाती है। इस भेदभाव को खत्म किया जाए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस पर स्वास्थ्य मंत्री बाद में जवाब देंगे और इस पर संज्ञान ले लिया गया है। संजय रतन ने एक अन्य मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीपीएल को पंचायत स्तर पर विभिन्न सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने इस संबंध में सभी पंचायतों को निर्देश जारी करने को कहा। इस पर भी स्पीकर ने कहा कि मंत्री बाद में जवाब देंगे।
सीबीआई की निष्ठा और प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे मंत्री : जयराम
हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में वॉकआउट के बाद बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत पर सरकार चर्चा से भाग रही है। इसके साथ ही सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए निष्पक्ष जांच से भी भाग रही है। देश की सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के बारे में सत्ता पक्ष के मंत्री कह रहे हैं कि उससे जांच क्यों करवानी। इसके साथ ही सीबीआई की निष्ठा और प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं। विमल नेगी के परिजन और सहकर्मी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। पॉवर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं और सरकार बड़े संवेदनहीन तरीके से कह रही है कि सीबीआई जांच क्यों करवानी है।
वीरवार को पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि परिजनों की ओर से शव को पावर कॉरपोरेशन के कार्यालय के सामने रखकर प्रदर्शन किया गया। विधानसभा सत्र के बाद वे भी परिजनों से मिलने गए। परिजनों ने कई अधिकारियों पर नाम लेकर विमल नेगी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। गलत काम करवाने के लिए दबाव की बात की। परिजनों की ओर से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। पुलिस की ओर से जो एफआईआर दर्ज की गई, उसमें बड़ी मुश्किल से एक अधिकारी का नाम डाला गया, लेकिन दूसरे अधिकारी का नाम नहीं डाला गया। सरकार उस अधिकारी को बचा रही है। आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है, जो एक अधिकारी को बचा रही है। इन सवालों के जवाब प्रदेश के लोगों को जानने चाहिए। विमल नेगी की मौत का क्या कारण है, उनकी मौत के जिम्मेदार कौन लोग हैं। यह तथ्य सामने आना की मौत पर सरकार चर्चा से भाग रही है। इसके साथ ही सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए निष्पक्ष जांच से भी भाग रही है। देश की सबसे प्रतिष्ठित जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई के बारे में सत्ता पक्ष के मंत्री कह रहे हैं कि उससे जांच क्यों करवानी। इसके साथ ही सीबीआई की निष्ठा और प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं। विमल नेगी के परिजन और सहकर्मी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। पॉवर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों पर सवाल खड़े कर रहे हैं और सरकार बड़े संवेदनहीन तरीके से कह रही है कि सीबीआई जांच क्यों करवानी है।
वीरवार को पत्रकार वार्ता में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि परिजनों की ओर से शव को पावर कॉरपोरेशन के कार्यालय के सामने रखकर प्रदर्शन किया गया। विधानसभा सत्र के बाद वे भी परिजनों से मिलने गए। परिजनों ने कई अधिकारियों पर नाम लेकर विमल नेगी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। गलत काम करवाने के लिए दबाव की बात की। परिजनों की ओर से एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई। पुलिस की ओर से जो एफआईआर दर्ज की गई, उसमें बड़ी मुश्किल से एक अधिकारी का नाम डाला गया, लेकिन दूसरे अधिकारी का नाम नहीं डाला गया। सरकार उस अधिकारी को बचा रही है। आखिर सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है, जो एक अधिकारी को बचा रही है। इन सवालों के जवाब प्रदेश के लोगों को जानने चाहिए। विमल नेगी की मौत का क्या कारण है, उनकी मौत के जिम्मेदार कौन लोग हैं। यह तथ्य सामने आना
जरूरी है। इसीलिए भारतीय जनता पार्टी पहले दिन से ही परिवार की मांग का समर्थन करते हुए पूरे प्रकरण की निष्पक्षता से जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रही थी