करसोग : राज्य सरकार की मदद से 300 बागवानों ने फार्मर कंपनी शुरू कर सेब सीजन में अर्जित किया 3 लाख से अधिक का मुनाफा राज्य सरकार ने करसोग वैली फार्मर प्रोडयूसर लिमिटिड कम्पनी को प्रदान की लगभग 31 लाख रुपये की वित्तिय मदद राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश के बागवानों व फल उत्पादकों की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आर्थिकी को सुदृढ़ करने के दृष्टिगत उद्यान विभाग के माध्यम से अनेक कल्याणकारी योजनाए चलाई जा रही है और इन योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया जा रहा है। जिनके धरातल पर बेहतर परिणाम सामने आने लगे है।
प्रदेश सरकार की विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित 1134 करोड़ रुपये की बागवानी विकास परियोजना (एचपीएचडीपी) जिसे उद्यान विभाग के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, किसान बागवानों के लिए नई उम्मीदें व नए विकल्प लेकर आई है। कलस्टर आधारित यह परियोजना बागवानों के नवोन्मेसी प्रयासों से आर्थिकी को सुदृढ़ करने में वरदान साबित हो रही है।
राज्य सरकार ने दी 31 लाख की वित्तिय मदद : योजना के अन्तर्गत करसोग के 300 किसान बागवानों ने राज्य सरकार की लगभग 31 लाख रुपये की आर्थिक मदद से सामूहिक रूप से एक नई पहल करते हुए करसोग वैली फार्मर प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी शुरू कर बागवानों के हित में नवोन्मेसी प्रयास किया है। मार्च, 2021 में बागवानों द्वारा शुरू की गई इस कम्पनी को कम्पनी एक्ट-2013 के तहत पंजीकृत भी किया गया है। इसे शुरू करने के लिए किसानों ने पहले करसोग क्षेत्र के बागवान किसानों के कलस्टर बनाएं। उसके उपरांत एफपीओ यानि फार्मर प्रोड्यूसर ओर्गेनाईजेशन का गठन किया। एफपीओ में शामिल 300 बागवान सदस्यों में से ही एफपीसी यानि फार्मर प्रोडयूसर कंपनी बना कर किसान बागवानों के हित में कार्य शुरू किया। कंपनी का संचालन करने के लिए 10 लोगों की बीओडी बनाई गई है जो कंपनी का समूचा कार्य देख रही है। जिसके अब बेहतर परिणाम सामने आने लगे है और किसान बागवानों को अच्छा रिर्टन मिलने लगा है।
बागवानों की 3 लाख रुपये सदस्य हिस्सेदारी :
करसोग वैली फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अध्यक्ष इंद्रदेव ठाकुर ने बताया कि कंपनी के गठन के लिए राज्य सरकार के उद्यान विभाग के माध्यम से लगभग 31 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्राप्त हुई। जबकि कंपनी में शामिल सभी 300 सदस्यों ने अपनी हिस्सेदारी के रूप में एक-एक हजार रुपये प्रति सदस्य की पंूजी लगा, कुल 3 लाख रुपये की हिस्सेदारी से इस कार्य को आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि कंपनी के गठन के लिए सभी सदस्यों द्वारा जमा की गई कुल राशि व राज्य सरकार से प्राप्त आर्थिक मदद से बागवानों ने 4 ग्रेडिंग पैकिंग मशीनें, 4 जेनरेटर सेट और तीन हजार क्रेट सस्ती दरों पर बागवानों को उपलब्ध करवाए। इन ग्रेडिंग व पैकिंग मशीनों को हरिबाग महोग, बडोहन, बखरोट, मरोठी ठंडापानी नाम स्थानों पर लगाया गया है, ताकि किसान बागवानों को उनके घरद्वार के समीप ही अपने उत्पादों को ग्रेडिंग व पैकिंग की सुविधा मिल सके।
सेब सीजन से अर्जित किया 3 लाख से अधिक मुनाफा :
करसोग वैली फार्मर प्रोड्यूसर नामक कंपनी के अध्यक्ष का कहना की कि बीते 2 सेब सीजन में केवल मात्र 4 माह की कार्य किया गया है। इस दौरान कंपनी ने 3 लाख रुपये से अधिक का लाभ अर्जित किया है। कंपनी को यह लाभ ग्रेडिंग पैकिंग मशीनों के कार्य से ही प्राप्त हुआ है। कंपनी की ओर से किसानों को बाजार से सस्ती दरों पर लगभग तीन हजार क्रेट भी उपलब्ध करवाये गए है। करसोग सेब बहुल क्षेत्र होने के चलते किसानों को ग्रेडिंग व पैकिंग मशीनों के माध्यम से बहुत ही कम दरों पर ग्रेडिंग व पैकिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है ताकि किसान बागवानों की आर्थिक को सुदृढ़ किया जा सके।
दवाईयों व बीज के कारोबार में आगे बढ़ाए कदम :
किसान बागवानों द्वारा करसोग में शुरू की गई इस कंपनी ने अपने छोटे से प्रयास से अर्जित किए लाभ से किसान हित में कंपनी के कारोबार को आगे बढ़ाने का निर्णय लेकर किसानों को सस्ती दरों पर बीज व कीट नाशक दवाईयां उपलब्ध करवाने के लिए दवाईयों व बीज के कार्य को भी शुरू किया है। करसोग बस स्टैंड के समीप इस कार्य को शुरू किया गया है। जहां पर क्षेत्र के बागवानों और किसानो को उच्च गुणवता वाले बीज व कीटनाशक बाजार से सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए जा रहे है। अक्तूबर, 2023 में शुरू किए गए इस कार्य में एक माह में ही लगभग 20 हजार रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। यहां पर किसान बागवानों को बाजार भाव से लगभग 10 प्रतिशत तक सस्ती दरों पर विभिन्न प्रकार के बीज, दवाईयां व अन्य उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे है।
बागवान खुश :
बाजार से सस्ती दरों पर बीज व बागवानी संबंधी अन्य विभिन्न प्राकर की सामग्री मिलने से करसोग क्षेत्र के बागवान भी खुश है। बागवान बोधराज शर्मा व पविंदर वर्मा का कहना है कि फार्मर कंपनी द्वारा करसोग में दवाईयों और कीटनाशकों की दुकान शुरू करने से उन्हें बाजार से किफायती दरों पर उन्नत किस्म के बीज व कीटनाशक दवाइयां मिलने लगी है। इससे जहां फसलों के उत्पादन में वृद्धि होगी वहीं सस्ती दरों पर बीज व बागवानी सम्बन्धी सामग्री मिलने से उनके धन की बचत भी हो रही है।
परियोजना उद्ेदश्य
इस परियोजना का उदेश्य राज्य के किसानों और बागवानों को किफायती दरों पर बीज, कीटनाशक व फलदार पौधे उपलब्ध करवा बागवानों की फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है। उद्यान विभाग विज्ञानिक तकनीक के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि की एक स्थायी व्यवस्था के विकास हेतू समृद्ध हिमाचल के उदेश्य की पूर्ति के लिए कार्य करना है।
क्या कहते हैं अधिकारी :
करसोग स्थित उद्यान विभाग के एसएमएम जगदीश वर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार की विश्व बैंक वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत क्षेत्र के किसान बागवानों ने नई पहल करते हुए करसोग वैली फार्मर प्रोड्यूसर नामक कंपनी शुरू की है। जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से विभाग के माध्यम से बागवानों को लगभग 31 लाख रुपये की वित्तिय मदद प्रदान की गई है। इस कंपनी से अपने अल्प समय में ही अच्छा लाभ अर्जित किया है जो किसानों की आय को बढ़ाने की दिशा में एक बेहतर संकेत है। फार्मर कंपनी ने अपने कार्य को आगे बढ़ाते हुए बीज व कीटनाशक दवाईयों का कार्य भी शुरू किया है जहां पर बागवानों को सस्ती दरों पर बीज व दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही है। बागवानों द्वारा उद्यान विकास की व्यावहारिक नीतियों को अपनाये जाने के परिणामस्वरूप बागवानों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।