एएम नाथ। शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी 135 पुलिस थानों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत करने का फैसला लिया है. जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, आपराधिक गतिविधियां, वीआईपी मूवमेंट, यातायात व्यवस्था, अंतरराज्यीय सीमाएं और पर्यटकों की आमद को ध्यान में रखते हुए पुलिस थानों का वर्गीकरण करने का फैसला लिया गया है।
इसके साथ ही पुलिसकर्मियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए भी पुलिस थानों का वर्गीकरण निर्धारित किया गया है. इस संबंध में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए थे.
छह श्रेणियों में बांटे गए हैं पुलिस थाने
हिमाचल प्रदेश में पुलिस थानों को वार्षिक अपराध पंजीकरण (Annual Crime Registration) की संख्या के आधार पर ए प्लस से ई कुल छह श्रेणियों में बांटा गया है.
किसे मिला ए प्लस श्रेणी?
हर साल 250 से ज्यादा मामले दर्ज करने वाले थानों को ए प्लस की श्रेणी में रखा गया है और प्रदेश में इस प्रकार के 15 थानों की पहचान की गई है. इसके अलावा ए श्रेणी में पांच, बी में श्रेणी 25, सी श्रेणी में 47, डी में 28 और ई श्रेणी में 15 पुलिस थाने चिन्हित किए गए हैं।
ए प्लस श्रेणी के थानों में 70 जवानों की तैनाती जरूरी
हिमाचल प्रदेश में ए प्लस श्रेणी के थानों में कम से कम 70, ए श्रेणी में 65, बी श्रेणी में 48, सी श्रेणी में 37, डी श्रेणी में 25 और ई श्रेणी में 19 पुलिस कर्मी तैनात होंगे. हर थाने में जांच अधिकारियों की संख्या एफआईआर फ्रीक्वेंसी के आधार पर तय की जाएगी.
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि थानों का वर्गीकरण करने से कानून-व्यवस्था में सुधार होगा. इसका सीधा फ़ायदा राज्य की जनता को मिलेगा. इससे अपराधों पर नियंत्रण करने में भी मदद मिलेगी।