चंडीगढ़ : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के निदेशक राहुल एस के नेतृत्व में 60 हजार करोड़ रुपये के पर्ल्स ग्रुप के घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। एसआईटी में विजिलेंस ब्यूरो के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) कंवलदीप सिंह, एआईजी दलजीत सिंह राणा, विजिलेंस ब्यूरो (मुख्यालय) के डीएसपी सलामुद्दीन, मुख्यालय में रोपड़ रेंज के डीएसपी नवदीप सिंह, विजिलेंस ब्यूरो के फिरोजपुर रेंज के इंस्पेक्टर मोहित धवन और आर्थिक अपराध शाखा की इंस्पेक्टर माधवी कल्याण शामिल हैं। इसके साथ ही बीओआई ने विजिलेंस ब्यूरो के सभी एआईजी और एसएसपी को हिदायत दी है कि आवश्यकता पड़ने पर वह उक्त एसआईटी को सहयोग करेंगे।
गौरतलब है मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल्स ग्रुप की ठगी के शिकार लोगों को न्याय दिलाने और पर्ल्स ग्रुप की संपत्तियां बेचकर उनके पैसे की भरपाई कराने का वादा किया था। पांच दिन पहले ही बीओआई ने पर्ल घोटाले को लेकर फिरोजपुर जिले के जीरा थाने में दर्ज एफआईआर नबंर 79 (2020) और स्टेट क्राइम पुलिस थाना मोहाली में दर्ज एफआईआर नंबर-1/2023 की जांच का काम विजिलेंस को सौंपा था। यह जांच विजिलेंस के इकनोमिक विंग के अधीन दी गई थी। इस संबंध में बीओआई के निदेशक ने आदेश में कहा था कि दोनों एफआईआर की जांच, जो एडीजीपी बी. चंद्रशेखर द्वारा की जा रही थी, को प्रशासनिक आधार पर तत्काल प्रभाव से विजिलेंस पंजाब में स्थानांतरित किया जा रहा है। अब बीओआई ने अपने ताजा आदेश के तहत जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। नवगठित एसआईटी को विजिलेंस ब्यूरो को सहायक जिला अटार्नी शौनक बाली कानूनी पक्ष से सहयोग करेंगे।
पर्ल्स ग्रुप घोटाला :
पर्ल्स एग्रो कारपोरेशन लिमिटेड जिसे पर्ल्स ग्रुप ने पंजाब समेत देश भर में पांच करोड़ आम लोगों से खेती और रियल एस्टेट जैसे कारोबार में पैसे लगाने के नाम पर 60,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई। कंपनी ने यह निवेश 18 वर्षों के दौरान गैरकानूनी तरीके से हासिल किया। जब लौटाने की बारी आई तो कंपनी पीछे हटने लगी। तब इस मामले में सेबी ने दखल दिया था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। निवेशक लंबे समय से अपना पैसा वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं। मामले की सीबीआई जांच भी जारी है और सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए जस्टिस आरएम लोढ़ा की अगुवाई में कमेटी का गठन किया। कमेटी के सामने डेढ़ करोड़ लोगों ने रिफंड क्लेम भी पेश किया। 2016 में गठित जस्टिस लोढ़ा कमेटी ने पीएसीएल और उससे जुड़ी संस्थाओं की संपत्तियों को बेचकर 878.20 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए हैं।
कमेटी ने जिन संपत्तियों से रिकवरी की कार्रवाई की है, उनमें ऑस्ट्रेलिया स्थित पर्ल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की कंपनियां भी शामिल हैं। उससे कमेटी ने 369.20 करोड़ की रिकवरी की है। इसके अलावा 308.04 करोड़ सरकार ने पर्ल्स ग्रुप और उसकी सहयोगी कंपनियों के खातों को फ्रीज कर जुटाए। इनमें कंपनी के फिक्स्ड डिपोजिट से 98.45 करोड़ रुपये मिले हैं। कंपनी के 75 लग्जरी वाहनों को बेचकर 15.62 करोड़ रुपये की रिकवरी की गई। वहीं, कंपनी की संपत्ति से जुड़े छह दस्तावेजों से 69 लाख रुपये मिले हैं। अब तक कंपनी के मालिक समेत 117 अधिकारी और हिस्सेदार गिरफ्तार किए जा चुके हैं और कंपनी की सभी संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
60 हजार करोड़ रुपये के पर्ल्स ग्रुप के घोटाले की जांच अब एसआईटी करेगी : मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल्स ग्रुप की ठगी के शिकार लोगों को न्याय दिलाने और पर्ल्स ग्रुप की संपत्तियां बेचकर उनके पैसे की भरपाई कराने का किया था वादा
May 27, 2023