रोहित भदसाली। हमीरपुर : जिला हमीरपुर के एक सेवानिवृत्त एचएएस अफसर से 73 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। शातिरों ने सीबीआई अफसर बनकर ठगी को अंजाम दिया। सेवानिवृत्त अधिकारी को उनके बैंक खातों का आतंकी गतिविधियों में प्रयोग का डर दिखाकर ठगी की गई है।
कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर शातिरों ने व्हाट्सएप कॉल के जरिये शिकायतकर्ता को 12 घंटे तक घर में डिजिटल अरेस्ट रखा। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मध्य रेंज मंडी को दी शिकायत में शिकायतकर्ता ने कहा कि चार सितंबर को अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को सीबीआई का अफसर बताया और उनके बैंकों के खातों तथा क्रेडिट कार्ड के हैदराबाद में आतंकी गतिविधियों में प्रयोग होने का डर दिखाया। शातिरों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ 12 घंटे का डिजिटल अरेस्ट वारंट निकाला है। इसके बाद उन्हें वीडियो कॉल के जरिये कई घंटों तक निगरानी में रखा गया और राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बताकर किसी से चर्चा न करने की हिदायत दी गई।
इसके बाद सीबीआई के बड़े अधिकारियों से बात करवाने का नाटक भी रचा गया और कई लोगों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये शिकायतकर्ता से बातचीत की। उनको बैंक खातों में जमा तमाम रुपये की जांच का डर दिखाया गया। शातिरों ने विभिन्न खातों में 73 लाख रुपये डलवा लिए। इस दौरान शिकायतकर्ता ने अपनी तमाम जमापूंजी यहां तक कि एफडी तक को भी तुड़वा दिया। परिवार वालों के नाम पर जमा पैसा भी शातिरों के बताए गए खातों में जमा करवा दिया।
शातिरों ने दावा किया है कि तीन दिन तक फंड की जांच करने के बाद रुपये उनको लौटा दिए जाएंगे। एक दिन में कुल 47 लाख रुपये शातिरों में जमा करवाए। चार सितंबर से लेकर 12 सितंबर तक 73 लाख की ठगी को इस तरह से अंजाम दिया गया। इसके बाद शातिरों ने जमीन की जांच का डर दिखाना शुरू किया। जब शिकायतकर्ता को शक हुआ तो उन्होंने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन मध्य रेंज मंडी को संपर्क किया। मामले में पुलिस ने बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।