चंडीगढ़ : पंजाब में नशे के खिलाफ चलाई गई मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ अपने 121वें दिन में पहुंच चुकी है और इसका असर जमीनी स्तर पर दिखने लगा है. शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 83 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है।
इनके पास से 65.4 किलोग्राम हेरोइन, 1.2 किलो अफीम और 1.04 लाख रुपये की ड्रग मनी जब्त की गई है.
इस राज्यव्यापी अभियान के तहत अब तक कुल 19,801 नशा तस्करों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने की दिशा में ये अब तक की सबसे आक्रामक पहल मानी जा रही है. डीजीपी गौरव यादव के निर्देशों पर ये कार्रवाई राज्य के सभी 28 जिलों में एकसाथ अंजाम दी गई.
राज्यभर में चला ऑपरेशन : स्पेशल डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अरपित शुक्ला ने बताया कि ये अभियान 92 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में चलाया गया, जिसमें 1300 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल थे. इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर 200 से ज्यादा टीमों के जरिए प्रदेशभर में 417 जगहों पर एकसाथ छापेमारी की.
दर्ज हुई 56 FIR, 424 संदिग्धों से पूछताछ ; पुलिस ने बताया कि इस एक दिवसीय ऑपरेशन के दौरान 56 प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गईं और 424 संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी और पूछताछ की गई. कई जगहों पर स्थानीय लोगों से भी खुफिया जानकारी एकत्र की गई, जिससे पुलिस को ठोस इनपुट मिले.
सरकार की तीन-स्तरीय रणनीति का असर : अरपित शुक्ला ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा अपनाई गई तीन-स्तरीय रणनीति—प्रवर्तन (Enforcement), नशा मुक्ति (De-addiction) और रोकथाम (Prevention) के प्रभाव स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं. इसी के तहत, 44 व्यक्तियों ने नशा छोड़ने और पुनर्वास के लिए इलाज लेने पर सहमति जताई है, जो एक सकारात्मक संकेत है.
मुख्यमंत्री की सख्ती और कैबिनेट सब-कमेटी की निगरानी : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सभी पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि पंजाब को नशा मुक्त बनाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए. इसी के तहत सरकार ने एक पांच सदस्यीय कैबिनेट सब-कमेटी भी गठित की है, जो इस मुहिम की निगरानी कर रही है.