चंडीगढ़, 26 जुलाई: चंडीगढ़ के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने 3 जुलाई, 2025 को पंजाब के माननीय राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात कर शहर से जुड़े 5 लंबित मुद्दों के समाधान की मांग की थी। इन मुद्दों में संपत्ति की हिस्सेदारी बिक्री, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड के आवासीय भवनों में आवश्यकता-आधारित परिवर्तन, राहत एवं पुनर्वास कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक प्रदान करना, चंडीगढ़ के 22 शहरी गाँवों में लाल डोरा हटाना और चंडीगढ़ के दक्षिणी क्षेत्रों में सहकारी समूह आवास समितियों की आम समस्याओं का समाधान निकालना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि माननीय राज्यपाल के कहने पर मनीष तिवारी ने 8 जुलाई, 2025 को इन पाँच मुद्दों पर उन्हें फिर से पत्र लिखा था। उक्त पत्रों में ढाई दशकों से लंबित कुछ मुद्दों की समस्याओं और उनके संबंधित समाधानों का विस्तार से उल्लेख किया गया था (उक्त पत्रों की कॉपीज इस प्रेस विज्ञप्ति के साथ संलग्न हैं)।
तिवारी इससे पहले पंजाब के माननीय राज्यपाल और उनके पूर्ववर्ती श्री बनवारी लाल पुरोहित के साथ व्यक्तिगत मुलाकातों और नियमित पत्राचार के माध्यम से कई बार इन मुद्दों को उठा चुके हैं।
यह भी उल्लेखनीय है कि श्री तिवारी ने पिछले 13 महीनों के दौरान ल संसदीय प्रश्नों, विशेष उल्लेखों और शून्यकाल के दौरान लोकसभा में इन सभी पाँच मुद्दों को उठाया है।
तिवारी ने इन पाँचों मुद्दों को देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के समक्ष भी उठाया है।
इस संबंध में, तिवारी ने राज्यपाल से अपील की है कि इन पाँचों लंबित मुद्दों के समाधान के लिए बिना किसी देरी के अधिकारियों के पाँच अलग-अलग अधिकार प्राप्त समूह तुरंत गठित किए जाएँ, क्योंकि ये सभी चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
उन्होंने एक बार फिर चंडीगढ़ प्रशासक से समस्याओं का हल करने की अपील करते हुए कहा कि इन समस्याओं का समाधान न होने के कारण चंडीगढ़वासियों का जीवन ‘नरक’ बन गया है।