चंडीगढ़ : निर्वाचन आयोग ने पंजाब में हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव के दौरान तरन तारन की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के खिलाफ शिकायतों को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव को 25 नवंबर को यहां तलब किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
विपक्षी शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रवजोत कौर ग्रेवाल को निलंबित करने का आदेश दिया था। पार्टी ने चुनाव पर्यवेक्षक को दी गई अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि उपचुनाव के दौरान पुलिस ने उसके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया।
अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने राज्य पुलिस प्रमुख को तलब करके ग्रेवाल के खिलाफ कार्रवाई के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है।
इससे पहले, निर्वाचन आयोग ने डीजीपी से तरनतारन में कथित तौर पर गलत तरीके से प्राथमिकी दर्ज किये जाने की एक अतिरिक्त महानिदेशक रैंक के अधिकारी द्वारा समीक्षा कराने को कहा था।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष बादल ने ग्रेवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 11 नवंबर को हुए उपचुनाव में उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रचार करने से रोकने के लिए पुलिस का इस्तेमाल करके उनके खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज करवाईं।
ग्रेवाल को निर्वाचन आयोग ने 8 नवंबर को निलंबित कर दिया था।
पुलिस ने एडीजीपी राम सिंह की एक रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को सौंपी, जिसमें दावा किया गया कि मामले कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार दर्ज किए गए थे।
आठ नवंबर को डीजीपी को लिखे एक पत्र में पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के दौरान निष्पक्ष चुनाव संचालन में गंभीर खामियों का संज्ञान लेते हुए ग्रेवाल को निलंबित किया।
पुलिस पर्यवेक्षक द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि न केवल तरनतारन पुलिस, बल्कि पड़ोसी जिलों अमृतसर, बटाला और मोगा के बलों द्वारा भी समन्वित और ठोस कार्रवाई की गई थी।
बादल ने पिछले महीने पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया था कि राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए तरनतारन में स्थानीय पुलिस का “दुरुपयोग” कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी ने एसएसपी को तरनतारन में अपना “वास्तविक” प्रभारी बना दिया है।
सोमवार को, अकाली दल ने निर्वाचन आयोग में एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने तरनतारन उपचुनाव में उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ “फर्जी प्राथमिकी” दर्ज कीं और “राजनीति से प्रेरित गिरफ्तारियां” कीं।
शिरोमणि अकाली दल उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने राज्य सरकार पर निर्वाचन आयोग और उसके पर्यवेक्षकों के समक्ष बार-बार आपत्ति जताए जाने के बावजूद “राज्य मशीनरी का घोर दुरुपयोग” करने का आरोप लगाया।
तरनतारन उपचुनाव में, आप उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने शिरोमणि अकाली दल उम्मीदवार सुखविंदर कौर रंधावा को 12,091 मतों से हराया।
