फतेहगढ साहिब :
पंजाब सरकार के प्रयासों से पिछले महीने 417 एकड़ पंचायती जमीन कब्जे से मुक्त करवाई गई थी। पर गांववासियों ने पुन: जमीन पर कब्जा कर लिया है। यह जमीन फतेहगढ़ साहिब के गांव चलेरी कलां की है। पुन: कब्जा करने के बाद किसानों ने जमीन खेती करना शुरु कर दिया है। इसके बाद पुलिस में 31 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
दूसरी तरफ किसानों ने प्रशासन पर जबरन जमीनें हड़पने का आरोप लगाया है। किसान संगठनों ने भी इस मामले को कानूनी चुनौती देने का फैसला किया है। पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल ने पिछले महीने चलेरी कलां की 417 एकड़ पंचायती जमीन खाली करवाने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि किसानों ने यह जमीन अपनी मर्जी से वापस कर दी है। हालांकि कुछ दिनों बाद किसानों द्वारा यह आरोप लगाया गया कि सरकार उन्हें जमीन सौंपने के लिए मजबूर है।
किसानों का दावा है कि उनके पूर्वज इस जमीन पर 1904 से खेती करते आ रहे हैं। यह भी दावा किया कि हाईकोर्ट ने सरकार को जमीन वापस लेने पर रोक लगा दी है। बीकेयू (एकता सिद्धूपुर) ने इस संबंधी एक कमेटी का गठन करके कानूनी प्रक्रिया शुरु करने का फैसला किया है।
ब्लाक विकास तथा पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) सरहिंद ने गांव चलेरी कलां में गांववासियों द्वारा जमीन पर पुन: कब्जे के बारे में पुलिस के पास शिकायत दी है। जिसके आधार पर जिला पुलिस ने 31 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया है। बीडीपीओ ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि किसानों ने पंचायती जमीन पर पुन: कब्जा कर लिया है।
एफआईआर के मुताबिक बीडीपीओ ने बताया कि सरकार ने चलेरी कलां की 417 एकड़ पंचायती जमीन वापस ले ली थी, पर 31 किसानों ने पुन: कब्जा करके खेती करना शुरु कर दिया है।