सोलन। हिमाचल की सोलन सदर सीट पर ससुर-दामाद आमने सामने आए हुए हैं। जिनपर सबकी खासी नजर टिकी हुई है। कहते हैं कि चुनाव और जंग में सब जायज़ है। यह कहावत प्रदेश में हो रहे चुनावी समर में भी सटीक बैठती है और जीत के लिए प्रत्याशी हर दांव पेंच लगा रहा है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, लेकिन सोलन सीट पर रिश्तेदारी की मर्यादा के कारण कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी ‘सेफ गेम’ खेल रहे हैं। दोनों ओर से किसी तरह का निजी अटैक नहीं हो रहा है। एक ही सीट से आमने-सामने चुनाव लड़ रहे उक्त ससुर-दामाद उम्मीदवारों ने एक ही दिन 21 अक्तूबर को नामांकन पत्र दाखिल किया था। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान डा. राजेश कश्यप ने ससुर से जीत का आशीर्वाद लेने की बात कही थी। जबकि इसके जवाब में कर्नल शांडिल ने चुनाव को धर्म युद्ध कहा था तथा इसके साथ ही उन्होंने रिश्तेदारों का आशीर्वाद हमेशा साथ रहने की भी बात कही थी।
कांग्रेस और भाजपा के बीच रहेगी टक्कर : सोलन सदर सीट पर इस बार पिर से मुख्य मुकाबला कर्नल शांडिल और डॉ. राजेश में दिख रहा है। शांडिल और कश्यप दोनों ही हमले करने के बजाय अपनी उपलब्धियों और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों को ही हाई लाइट कर रहे हैं। भाजपा सोलन में नया अस्पताल का काम शुरू करने और ट्रांसपोर्ट नगर बनाने को उपलब्धि बता रही है तो शांडिल अपने मंत्री रहते सोलन निर्वाचन क्षेत्र में 463 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाने को प्रचारित कर रहे हैं।
82 की उम्र में भी दूर-दराज तक पैदल कर रहे पहुंच : 82 साल के होने के बावजूद भी कर्नल धनीराम शांडिल ने विरोधियों को जवाब देने के लिए करोल पर्वत तक की चढ़ाई की। साथ ही चुनाव प्रचार के लिए दूर-दराज के गांवों में भी पैदल पहुंच रहे हैं। विरोधी उनकी उम्र को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। अपनी पार्टी में भी उनसे किसी युवा के लिए स्थान खाली करने की बात हुई, लेकिन पार्टी ने जीत के लिए शांडिल पर विश्वास जताया। शांडिल सिर्फ अपनी उपलब्धियों को ही गिनाया जा रहा। इस सीट पर कांग्रेस-भाजपा के अलावा आम आदमी राठौर की अंजू राठौर चुनावी मैदान में हैं। वह भी पहले कांग्रेस में पदाधिकारी रही हैं।
सोलन सदर सीट : ससुर-दामाद आमने-सामने , सबकी टिकी नजर
Nov 03, 2022