धर्मशाला, 10 अगस्त। कांगड़ा जिला में ट्रेकिंग के लिए कुछ शर्तों के साथ छूट दी जाएगी। इस बाबत जिला दंडाधिकारी डा निपुण जिंदल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के सेक्शन 34 के तहत 22 जुलाई को जारी आदेशों में एडवेंजर एंड टूअर आपरेटर के आग्रह पर संशोधन किया है। ट्रैकिंग के इच्छुक सभी पर्यटकों तथा टूअर आपरेटर्स को संबंधित पुलिस थाना में सूचना देने के साथ साथ अनुमति लेना जरूरी होगा इसके साथ ही ट्रेकिंग की अनुमति मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर ही दी जाएगी, अगर 48 घंटों तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान बताया गया होगा तो उस आधार पर ट्रैकिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
जिला दंडाधिकारी ने कहा कि पुलिस प्रशासन तथा संबंधित उपमंडलाधिकारियों को आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ ही जिला पर्यटन विकास अधिकारी को सभी होटल संचालकों तक इन आदेशों की जानकारी पहुंचाने के लिए कहा गया है ताकि किसी भी स्तर पर पर्यटक ट्रेकिंग साइट्स की तरफ रूख नहीं करें।
बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन का रहता है खतरा
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि बारिश के कारण उंचे स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बना रहता है तथा इस बाबत पहले भी मानसून के दौरान ट्रैकर्स अपनी जान को जोखिम में डाल चुके हैं। कई बार प्रशासन ने ट्रेकिंग के दौरान उंचे स्थानों पर फंसे लोगों को भारी मशक्कत के साथ निकाला भी है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह अप्रिय घटना न हो इस के कारण ही ट्रेंकिंग की अनुमति को लेकर कुछ शर्तें लगाई गई हैं। उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई को जारी आदेशों में जिला कांगड़ा में 15 सितंबर तक ट्रैकिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था इसको लेकर एंडवेंचर एंड टूअर आपरेटर एसोसिएशन ने जिला प्रशासन से लिखित तौर पर ट्रेकिंग के लिए कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की गुहार लगाई थी जिसके आधार पर ही प्रशासन ने 22 जुलाई को जारी आदेशों में संशोधन किया है।