क्रिप्टो करेंसी के नाम पर हुए फ्रॉड के मामले में एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। प्रदेश में हुए क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड के मामले में पता चला है कि फोरलेन निर्माण के दौरान लोगों ने जमीन के मुआवजे की राशि भी क्रिप्टो करेंसी में लगा दी। फोरलेन निर्माण का कंपनसेशन पाने वाले परिवारों पर क्रिप्टो करेंसी के नाम पर फ्रॉड करने वाले आरोपियों की खास नजर थी। पैसा डबल करने की लालच में कई लोगों ने गलत जगह करीब 10 करोड़ इन्वेस्ट किया हैं।
इस मामले पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मीडिया से बातचीत के दौरान लोगों से अपील करते हुए कहा कि लोग गलत जगह अपने जीवन भर की कमाई इन्वेस्ट न करें। ऐसी कोई न तो सरकार की स्कीम है और न बैंक की, जिसमें निवेश करने पर पैसा तीन गुना हो जाए। इसलिए लोगों को अपने मेहनत की कमाई सोच-समझकर निवेश करनी चाहिए।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर लोगों को प्रलोभन दिए गए। लोगों ने जीवन भर की कमाई गंवा दी। सरकार की ओर से गठित एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ एफआईआर की है। मामले में अब तक नौ आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुख्य सरगना भी पुलिस की गिरफ्त में होगा। जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार इन आरोपियों की प्रॉपर्टी भी सीज कर रही है, लेकिन सीज्ड होने वाली प्रॉपर्टी केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आती है। राज्य सरकार चाहती है कि यह चीज प्रॉपर्टी राज्य सरकार के पास आए।
मानसून सत्र के दौरान विधायक होशियार सिंह ने मामला उजागर किया था : गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधायक होशियार सिंह ने क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड का मामला उजागर किया था। इसके बाद सदन में ही प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मामले में एसआईटी के गठन की घोषणा की थी। राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी के मुखिया डीआईजी साउथ रेंज अभिषेक दुल्लर हैं। मामले का मुख्य सरगना सुभाष अभी फरार है, जिसके दुबई में छिपे होने की आशंका है। क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में 2 हजार 300 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ, जबकि 400 करोड़ रुपये की देनदारी लंबित है।