पराली को आग लगाने के गुरेज करें किसान : समाज को स्वस्थ वातावरण देने के लिए — DC कोमल मित्तल

by

डिप्टी कमिश्नर ने धान की पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए जिला प्रशासन की वचनबद्ध दोहराई
पराली को आग न लगाने वाले किसान समाज व वातावरण के प्रति निभा रहे हैं अपनी नैतिक जिम्मेदारी
होशियारपुर, 08 नवंबर:
पराली को जलाने से रुकवाने के लिए जिला प्रशासन की वचनबद्धता को दोहराते हुए डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने कहा कि जिला प्रशासन की टीमें पूरे जिले में फील्ड स्तर पर गांवों का दौरा कर रही हैं और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि किसान धान की पराली को आग न लगाएं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष किसानों ने काफी जागरुकता दिखाते हुए पराली को आग लगाने से गुरेज किया है लेकिन कुछ किसान अभी भी पराली को आग लगा रहे हैं। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे उन किसानों से प्रेरणा ले जो कि वातावरण व जमीन की संभाल के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पराली को आग नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे समाज व अपनी आने वाली पीढिय़ों को स्वच्छ वातावरण व साफ हवा देने के लिए पराली को आग न लगाएं।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले में धान की पराली जलाने के रुझान को रोकने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह वचनबद्ध है और इस लिए जहां किसानों को पराली के सही प्रबंधन के लिए आधुनिक मशीने मुहैया करवाई जा रही है वहीं जागरुकता अभियान भी लगातार जारी है। उन्होंने किसानों को पराली न जलाने के स्थान पर उसका मशीनरी के साथ खेतों में ही सही प्रबंध करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अक्सर बिना सुपर एस.एम.एस वाली कंबाइन हारवेस्टर के इस्तेमाल के बाद खेत में पड़े धान की पराली को किसानों की ओर से आम तौर पर आग लगा दी जाती है, जिससे धरती की उपजाऊ शक्ति, मानवीय स्वास्थ्य व अन्य जीव जंतुओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है व वातावरण भी प्रदूषित होता है। उन्होंने कहा कि सुपर सीडर के माध्यम से पराली को बिना जलाए गेहूं की बुआई आसानी से हो जाती है।
डिप्टी कमिश्नर कोमल मित्तल ने बताया कि प्रदेश में किसानों विशेष तौर पर बहु गिनती छोटे व सीमांत किसानों के लिए सरकार की ओर से इन मशीनों को किराए पर लेने के लिए वाजिब रेट निर्धारित किए गए हैं। कस्टम हायरिंग सैंटरों व उनके पास उपलब्ध मशीनों की सूची संबंधित ब्लाक कृषि कार्यालय से संपर्क कर ली जा सकती है। इसके अलावा सरकार की ओर से कृषि मशीनों की उपलब्धता दर्शाने के लिए एक मोबाइल एप ‘आई-खेत’ पंजाब भी तैयार किया गया है, जिसमें किसानों अपने आपको रजिस्टर कर अपनी लोकेशन से कुछ किलोमीटर की सीमा के अंदर उपलब्ध कस्टम हायरिंग सैंटरों व उनके पास उपलब्ध मशीनों का विवरण प्राप्त कर मशीनों को किराए पर बुक करवा सकते हैं।
—-

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब

अवैध खनन कर मुख्यमंत्री मान के आदेशों की धज्जियां उड़ा रही है गढ़शंकर पुलिस- निमिषा मेहता

गढ़शंकर,6 दिसंबर : विधानसभा क्षेत्र गढ़शंकर में चल रहे अवैध खनन को उजागर करने के लिए विधानसभा क्षेत्र में मिट्टी और रेत माफिया के खिलाफ सक्रिय नेता निमिषा मेहता ने मीडिया कर्मियों के साथ...
article-image
पंजाब

लाइसेंसी रिवाल्वर से मारी गोली – दूसरी पत्नी से परेशान कारोबारी ने किया सुसाइड : संपत्ति नाम कराने का बना रही थी दबाव

लुधियाना : फैक्ट्री मालिक द्वारा पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। फैक्ट्री मालिक दलजीत सिंह अपनी दूसरी पत्नी परमजीत कौर और उसके रिश्तेदारों द्वारा कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने से परेशान था।...
article-image
पंजाब

सुभाष किसाना सहित एक दर्जन गणमान्यों को मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आप का पटका पहना कर आम आदमी पार्टी में किया शामिल : मान सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट लोग आप में हो रहे शामिल – बैंस

गढ़शंकर / नंगल :  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की ओर से जनहित में लिए जा रहे फैसलों से आम वर्ग को बड़ी राहत मिली है ।  90 प्रतिशत घरेलू...
article-image
पंजाब

सुंदर शाम अरोड़ा की ओर से तहसील चौंक से धोबीघाट तक सडक़ की रिकारपेटिंग के कार्य की 53.48 लाख रुपए की लागत सेशुरुआत

10-15 दिनों में शहर की सभी मुख्य सडक़ों की बदलेगी नुहार होशियारपुर I   पंजाब के उद्योग व वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने स्थानीय तहसील चौक से धोबीघाट तक सडक़ की रिकारपेटिंग के कार्य...
Translate »
error: Content is protected !!