होशियारपुर, 03 दिसंबर:
कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिंपा ने धन्वंतरि वैद्य मंडल की ओर से आयोजित प्रदेश स्तरीय आयुर्वेदिक सम्मेलन में बतौर मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत करते हुए कहा कि आयुर्वेद हमारी अमूल्य विरासत है और इसे संभालना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए आयुर्वेद सबसे अच्छी प्रणाली है और लोगों का इसके प्रति विश्वास भी बढ़ा है, इस लिए इस क्षेत्र में अधिक से अधिक शोध कार्य बहुत जरुरी है। सबसे पहले उन्होंने भगवान धन्वंतरि जी के चित्र को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर उनके साथ मेयर सुरिंदर कुमार, डिप्टी मेयर रंजीता चौधरी, धन्वंतरि वैद्य मंडल के अध्यक्ष वैद्य सुमन सूद के अलावा अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।
कैबिनेट मंत्री ने प्रदेश भर से आए वैद्यों को संबोधित करते कहा कि आज पूरी दुनिया आयुर्वेद प्रणाली का लोहा मान रही है। हमें गर्व है कि आयुर्वेद हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं और हजारों वर्षों से चली आ रही इस आयुर्वेद प्रणाली की विरासत को वैद्यों ने संजो कर रखा है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के और प्रचार व प्रसार की जरु रत हैं क्योंकि आयुर्वेदिक इलाज सस्ता होने के साथ-साथ आम व्यक्ति की पहुंच में भी है।
ब्रम शंकर जिंपा ने कहा कि आयुर्वेद प्रणाली दुनिया के विकसित देशों में प्रभावशाली ढंग के साथ प्रफुल्लित हो चुकी है। उन्होंने कहा कि धन्वंतरि वैद्य मंडल के सदस्य जहां आयुर्वेदिक ढंग से लोगों का इलाज कर रहे हैं वहीं अलग-अलग स्थानों पर नि:शुल्क आयुर्वेदिक मैडिकल कैंप लगा कर भी लोगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इस दौरान मंडल की ओर से प्रकाशित वार्षिक पत्रिका का भी विमोचन किया। समागम में अलग -अलग जिलों से आए वैद्यों की तरफ से अपनी नवीनतम रिचर्स के बारे में जानकारी सांझी की गई। धन्वंतरि वैद्य मंडल की तरफ से मुख्य अतिथि, अन्य अतिथियों व अलग -अलग जिलों से आए वैद्यों का सम्मान भी किया गया। इससे पहले मुख्य अतिथि ने अलग -अलग जिलों से आए वैद्यों की तरफ से जड़ी-बूटियों से बनाईं गई दवाएं और जड़ी बूटियों से संबंधित जानकारी देने के लिए लगाई गई प्रदर्शनी को देखा और उसकी प्रशंसा की।
वैद्य सुमन कुमार सूद ने कहा कि धन्वंतरि वैद्य मंडल का एकमात्र उद्देश्य आयुर्वेद का प्रचार व प्रसार करना है। इसी उद्देश्य से मंडल की ओर से वर्ष भर में 2 दर्जन के करीब नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाए जाते हैं। उन्होंने इस दौरान प्रदेश भर से आए हुए वैद्यों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर भाम वाले माता विनोद बहन जी, वरिंदर शर्मा बिंदू, वरिंदर वैद, संदीप सूद, मोनिका, कुलविंदर कौर, परषोत्तम दास, रंजीत सिंह, गुरमेज राम, परमजीत, हरमिंदर सिंह, राम जी, दीपक कुमार, शमशेर सिंह, राकेश भार्गव, बलवीर सिंह, मोहन सिंह, इंद्रजीत कौर, चमन लाल, चारु वालिया, हरदयाल सिंह, अजमेर सिंह, सुखविंदर समरा, मनप्रीत कौर, हरभजन सिंह, राजेश कुमार, कंचन कुंद्रा, नम्रता खन्ना, हरजिंदर विर्क, अजय बद्धण, सुखवीर लाल, डा. बलविंदर वालिया, हरीश कपूर के अलावा अन्य गणमान्य भी मंौजूद थे।
आयुर्वेद हमारी अमूल्य विरासत इसे संभालना जरुरी:आयुर्वेद के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा, शोध कार्य जरुरी – ब्रम शंकर जिंपा
Dec 03, 2023