एएम नाथ। शिमला : गत सप्ताह एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर वारदात के सबूत मिटाने के लिए आरोपियों ने व्यक्ति का शव जला दिया। मृतक की मां की शिकायत पर पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
पुलिस के मुताबिक सुन्नी के मझोल गांव की तारा देवी ने बालूगंज थाने में दी शिकायत में बताया है कि उनका बेटा टीकमचंद (38) 8-9 सालों से पनेश के खरयाड़ गांव में सेवाराम के घर में काम करता था। 26 मार्च को सेवाराम की पत्नी प्रभा ने तारा देवी को फोन कर बताया कि गिरने के कारण उनके बेटे की मौत हो गई है। पुलिस ने बताया कि तारा देवी ने मामले में बेटे की हत्या की आशंका जाहिर की। तब उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस की जांच में अब तक पता चला है कि ग्रामीणों ने किसी बात को लेकर 21 मार्च की रात को टीकमचंद को बुरी तरह पीटा था। इससे 22 मार्च को उसकी मौत हो गई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में हत्या और साक्ष्य मिटाने की जानकारी मिली है। तब मामला दर्ज किया है। मृतक टीकमचंद कुंवारा था। उसके पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। टीकमचंद ही मजदूरी कर अपना और अपनी मां का भरण-पोषण कर रहा था। शिमला पुलिस मौके से साक्ष्य इकट्ठा करने में जुटी हुई है। फिलहाल इस मामले में किसी आरोपी का नाम सामने नहीं आया।
शव जला दिया बिना माँ को बताए : टीकमचंद की मौत हो जाने से ग्रामीण घबरा गए थे। इसलिए, उन्होंने मृतक के परिजनों को सूचित किए बगैर ही 22 मार्च को उसका शव जला डाला। फिर 4 दिन बाद यानी 26 मार्च को उसकी मां को सूचना दी गई कि उनका बेटा मर गया है। उसका कारण उन्होंने फिसलकर गिर जाना बताया था ।