जालंधर। पंजाब के जालंधर पश्चिम से आम आदमी पार्टी के विधायक रहे शीतल अंगुराल (अब भाजपा में) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन आज उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। मिली जानकारी के अनुसार चुनाव खत्म होते ही अंगुराल ने भाजपा से दूरी बना ली थी। आपको बता दें कि अंगुराल ने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है।
अंगुराल ने पत्र में कहा है कि अगर अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता तो पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में दोबारा चुनाव कराने पड़ते, जिससे सरकार का चुनाव खर्च भी बढ़ जाता। यही वजह है कि वह अपना इस्तीफा वापस ले रहे हैं। आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने 3 जून को अंगुराल को बुलाया था। लेकिन उससे पहले ही अंगुराल ने खुद अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। हालांकि इस संबंध में विधायक अंगुराल की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अंगुराल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से मोदी का परिवार हटा दिया है।
स्पीकर संधवा को भेजा था इस्तीफा : बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले विधायक अंगुराल भाजपा में शामिल हुए थे और अगले ही दिन उन्होंने विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवा को अपना इस्तीफा भेज दिया था। भाजपा में शामिल होने के बाद जालंधर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके घर के बाहर नारेबाजी की थी। उन्हें पार्टी का गद्दार तक कहा गया था।
ऑपरेशन लोटस के मुख्य शिकायतकर्ता हैं शीतल अंगुराल : पंजाब की राजनीति में भूचाल लाने वाले ऑपरेशन लोटस के मुख्य शिकायतकर्ता हैं शीतल अंगुराल। करीब डेढ़ साल पहले ऑपरेशन लोटस मामले में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से विधायक शीतल अंगुराल और जालंधर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रमन अरोड़ा ने अपने बयान दर्ज कराए थे।
मोहाली थाने में मामला दर्ज होने के बाद इस मामले की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपी गई थी। लेकिन डेढ़ साल की जांच के बाद भी विजिलेंस जांच में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया जिससे इस मामले में किसी का नाम सामने आ सके। उधर, भाजपा में शामिल होने के बाद शीतल अंगुराल ने कल कहा कि वह जल्द ही ऑपरेशन लोटस मामले में क्या हुआ, इस बारे में बड़ा खुलासा करेंगे।