रोहित भदसाली। शिमला : एचआरटीसी द्वारा सरेंडर किए गए रूटों को हासिल करने में निजी बस ऑपरेटर अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इनका काफी ज्यादा रूझान इसमें सामने आया है। प्राइवेट ऑपरेटरों ने सरेंडर रूटों के बारे में पूरी पड़ताल के बाद आवेदन किए हैं और सामने आया है कि 87 रूटों के लिए 573 लोगों के आवेदन आए हैं। इन रूटों को मई महीने में विज्ञापित किया था और अभी तक आवेदन लिए जा रहे हैं। इसके बाद भी अब सरकार ने 168 और रूटों को सरेंडर करने की अनुमति दे दी है, जिनको भी विज्ञापित कर दिया है।
मगर सोमवार से इनके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। पूर्व में एचआरटीसी ने ऐसे 107 रूटों को खुद के लिए अनवायबल माना था , मगर प्राइवेट ऑपरेटरों के लिए यह रूट फायदे के साबित होंगे। इन 107 रूटों में से 87 के लिए 573 आवेदन आ चुके हैं, जिनकी छंटनी की जा रही है और जरूरी औपचारिकताएं परिवहन विभाग पूरी कर रहा है। जल्दी ही इन रूटों को प्राइवेट ऑपरेटरों को सौंप दिया जाएगा, जिससे लोगों को वहां पर बसों की सुविधा मिले। 107 में से 20 रूट ऐसे हैं, जिनके लिए किसी ने अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
कल से ऑनलाइन आवेदन शुरू : सरकार ने 168 नए रूट विज्ञापित कर दिए हैं जिनको एचआरटीसी ने सरेंडर कर दिया है। इन रूटों पर सोमवार से ऑनलाइन आवेदनों का दौर शुरू हो जाएगा और देखना होगा कि इनमें कितने प्राइवेट ऑपरेटर दिलचस्पी दिखाते हैं। एचआरटीसी के अब तक कुल 275 बस रूट सरेंडर हो चुके हैं, जिनमें कुछ रूट घाटे के भी हैं।
275 रूट पर नहीं चलेंगी एचआरटीसी बसें : बता दें कि एचआरटीसी को सामाजिक दायित्वों की पूर्ति में काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। निगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है लिहाजा वह खुद के लिए घाटे के रूट सरेंडर कर रहा है मगर प्राइवेट ऑपरेटरों के लिए यह रूट फायदेमंद हैं। ऐसे में अब तक एचआरटीसी 275 रूट सरेंडर कर चुका है, जहां पर एचआरटीसी की बसें नहीं जाएंगी।