रोहित राणा । होशियारपुर : ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने प्रयासों में कार्यरत सर्च फाउंडेशन ने विटोनिक्स यूके के साथ साझेदारी का एलान किया है। इस पहल के अंतर्गत पहले चरण में विटोनिक्स यूके ने ग्रामीण भारत में वंचित समुदायों के स्वास्थ्य एवं कल्याण के लिए अपने फ्लैगशिप प्रोडक्ट विटामिन डी सबलिस्प्रे® की 20,000 बॉटल्स दान की हैं, जिनका मूल्य 1 करोड़ रुपये है। यह दान भारत में बड़े पैमाने पर लोगों तक प्रभावी एवं इनोवेटिव हेल्थ सॉल्यूशंस पहुंचाने के विटोनिक्स के मिशन के अनुरूप है।
सबलिस्प्रे® टेक्नोलॉजी में सबलिंगुअल स्प्रे के माध्यम सीधे खून में विटामिन एवं अन्य पोषक तत्व पहुंचा दिए जाते हैं। इस इनोवेटिव तरीके में विटामिन एवं पोषक तत्वों को पाचन तंत्र से होकर नहीं गुजरना पड़ता है, जिससे इनका प्रभावी अवशोषण सुनिश्चित होता है और पारंपरिक गोलियों की तुलना में ज्यादा सुविधाजनक विकल्प मिलता है। पाचन तंत्र का सामना नहीं करने के कारण सबलिस्प्रे® में संवेदनशील इनग्रेडिएंट्स एवं जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स संरक्षित रहते हैं, जिससे स्वास्थ्य को ज्यादा फायदा होता है।
विटामिन डी शरीर में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फेट के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये सभी मिनरल्स हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए अहम हैं। हालिया अध्ययनों में सामने आया है कि करीब 70 प्रतिशत भारतीयों के शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी है। विटोनिक्स सबलिस्प्रे से इसका प्रभावी समाधान मिल सकेगा। यह विशेषरूप से ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें रोजाना के सप्लीमेंट्स के लिए गोलियां निगलने में परेशानी होती है। इस स्प्रे से उन्हें आसान एवं प्रभावी विकल्प मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त, यह इनोवेटिव स्प्रे बेहतरीन स्वाद वाले फ्लेवर्स में भी उपलब्ध है, जिससे हर उम्र एवं स्वास्थ्य वाले लोगों के लिए यह अच्छा विकल्प बन जाता है।
इस साझेदारी के माध्यम से सर्च फाउंडेशन और विटोनिक्स का उद्देश्य विटामिन डी के महत्व के बारे में जागरूकता लाना और भारत के सैकड़ों गांवों में दान किए गए विटामिन डी वितरित करते हुए उनके स्वास्थ्य में सुधार करना है। विशेष रूप से ऐसे क्षेत्रों में इन्हें वितरित किया जाएगा, जहां पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सीमित है।
सर्च फाउंडेशन के डायरेक्टर ऑफ हेल्थ सर्विसेज डॉ. आनंद बांग ने कहा, ‘साथ मिलकर हम हजारों वंचित लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।’