जालंधर : प्रदेश पुलिस द्वारा पंजाब को अपराध मुक्त बनाने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत उस समय बड़ी कामयाबी हासिल हुई जब पुलिस ने तीन ऐसे अपराधियों को हथियारों सहित काबू किया जो प्रदेश में पिछले कई माह से दहशत भरी वारदात कर रहे थे।
इनकी गिरफ्तार से पुलिस ने गत दिनों नवांशहर की पुलिस चौकी आसरों पर हुए हैंड ग्रेनेड हमले का केस भी सुलझा लिया है। इसके साथ ही पूछताछ के दौरान आरोपियों ने यह भी कबूला कि वे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के लिए काम करते हैं। यह सफलता काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई) जालंधर ने एसबीएसनगर जिला पुलिस के साथ मिलकर हासिल की है।
डीजीपी ने गिरफ्तारी के संबंध में यह बताया
पंजाब पुलिस के डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) गौरव यादव ने गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान युगप्रीत सिंह उर्फ युवी, जसकरन सिंह उर्फ शाह निवासी जगोतीया और हरजोत सिंह उर्फ जोत निवासी दुगला मोहल्ला, राहों के रूप में की है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से दो हथियार एक देसी पिस्तौल और एक रिवॉल्वर सहित छह जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। यह सफलता इस साल 2 दिसंबर को कुछ व्यक्तियों द्वारा थाना काठगढ़ की पुलिस चौकी आसरों पर किए गए हैंड ग्रेनेड हमले के लगभग दो हफ्तों के भीतर हासिल की गई है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अपराधी जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम (यूके) और अन्य देशों में स्थित हैंडलरों द्वारा चलाए जा रहे केजेडएफ मॉड्यूल के सदस्य हैं और उन्हें पंजाब और हरियाणा में पुलिस संस्थाओं और अल्पसंख्यक नेताओं को निशाना बनाने का कार्य सौंपा गया था। उन्होंने बताया कि इस मॉड्यूल को पिछले छह महीनों में कम से कम 4.5 लाख रुपये की फंडिंग प्राप्त हुई है।