बठिंडा। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश प्रवक्ता और सामाजिक कार्यों में सक्रिय परमिंदर कौर ने अपने पति भूपिंदर सिंह की मौत का गहरा सदमा लगा। बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से भूपिंदर सिंह का निधन हो गया था, और अगले ही दिन गुरुवार को परमिंदर कौर ने भी दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया।
पति-पत्नी की 24 घंटे के अंदर मौत ने परिवार और समाज को स्तब्ध कर दिया है। भूपिंदर सिंह, जो सेंट जेवियर्स स्कूल जज्जल के प्रिंसिपल थे, शिक्षा और समाज में एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते थे। उनके अचानक निधन से पूरा परिवार टूट गया, लेकिन उनकी पत्नी परमिंदर ने हिम्मत से खुद को संभाला।
‘मुझे अपने बच्चों के लिए मजबूत रहना : बुधवार को पति के अंतिम संस्कार के दौरान परमिंदर ने अपने आंसुओं को रोकते हुए कहा, ‘मुझे अपने बच्चों के लिए मजबूत रहना है।’ परमिंदर की करीबी दोस्त जाली जैन बताती हैं कि वह अपने पति के साथ बेहद प्रेमपूर्ण संबंध में थीं। पति की मौत के बाद वह लगातार खुद को समझा रही थीं कि उन्हें अपने दोनों बच्चों के लिए जीना है। उनके परिवार में कोई और बड़ा न होने के कारण वह, सुक्खी, मनदीप, कंवल आदि उनकी सहेलियां उनके घर पर रुक गई। रात को परमिंदर को थोड़ी घबराहट सी महसूस हुई।
उसने रात को उठ कर कहा कि उनको घबराहट सी महसूस हो रही है। उनका सेना अधिकारी बेटा उनको तुरंत मिलिट्री अस्पताल ले गया। लेकिन जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उनको मृतक घोषित कर दिया। इस घटना के बाद परिवार की स्थिति बेहद खराब है। दो अविवाहित बच्चे एक बेटा और एक बेटी माता-पिता के अचानक चले जाने से सदमे में हैं।
परमिंदर कौर न केवल भाजपा महिला मोर्चा की वक्ता थीं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय थीं। शहर में होने वाले महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक कार्यक्रमों में उनकी भूमिका हमेशा अग्रणी रहती थी। उन्होंने कई महिलाओं को प्रेरणा दी और उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई।