अमृतसर : सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौट की फिल्म ‘इमरजेंसी’ आज रिलीज हो गई। फिल्म की स्क्रीनिंग के विरोध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य अमृतसर के एक सिनेमा हॉल के बाहर एकत्र हुए। एसजीपीसी ने पंजाब के सभी सिनेमाघरों में फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मोहाली और लुधियाना में भी सिख संगठनों ने फिल्म के विरोध में प्रदर्शन किया है।
वहीं फिल्म के विरोध के कारण जालंधर में किसी भी थिएटर में इमरजेंसी रिलीज नहीं की गई। एसजीपीसी के सदस्यों की तरफ से जालंधर में डिप्टी कमिश्नर को मिलकर मांग पत्र दिया गया है, ताकि इस तरह की कोई भी फिल्म पंजाब भर में न लगे जिससे किसी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।
वहीं अमृतसर के एसीपी क्राइम गगनदीप सिंह ने कहा कि फिल्म रिलीज नहीं हो रही है। हमने मैनेजर से बात की है और उन्होंने भी आकर घोषणा की है कि फिल्म रिलीज नहीं हो रही है
कांग्रेस प्रदेश प्रधान ने दी प्रतिक्रिया : वहीं फिल्म पर कांग्रेस सांसद और पार्टी के पंजाब प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का कहना है कि जब भी ऐसी फिल्में बनती हैं, तो उनमें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है… अगर कोई फिल्मी मसाला न हो तो वह सफल नहीं होती… ऐसी फिल्मों का लोगों के मनोरंजन के लिए बनाया जाना सही नहीं है… सरकारों और सेंसर बोर्ड को ऐसी फिल्मों पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि ये देश में भाईचारे को नुकसान पहुंचाती हैं क्योंकि जो दिखाया जाता है वह सच नहीं होता, यह सिर्फ एक स्क्रिप्टेड कहानी होती है।
पहले भी हुआ था विरोध : इससे पहले भी पंजाब में फिल्म इमरजेंसी का विरोध हो चुका है। इसके बाद फिल्म से कुछ सीन हटाए गए हैं और फिर सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने के बाद फिल्म को 17 जनवरी को रिलीज किया जा रहा है। एसजीपीसी ने फिल्म में सिखों की छवि खराब करने और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाए हैं। एसजीपीसी की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि अगर यह फिल्म रिलीज होती है, तो सिख समुदाय के बीच रोष और आक्रोश पैदा होगा। इसलिए, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस फिल्म को राज्य में रिलीज न होने दें। अगर यह फिल्म रिलीज होती है, तो शिरोमणि कमेटी इसका सख्त विरोध करेगी।