होशियारपुर/दलजीत अजनोहा : भवन की वास्तु सुधार कर व्यक्ति बीते कल की गलतियों से सबक लेकर आने वाले कल को सुधार सकता है, सफल हो सकता है। वास्तु में खास कर पंच तत्वों का सही ढंग से समायोजन कर ले तो हमारा भवन हमारे भविष्य का पथ प्रदर्शक बन कर हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है ऐसा मानना है अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवम लेखक डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री का।
आकाश, पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि इन्ही पंच तत्वों से मिलकर सृष्टि की रचना हुई है और इन्ही तत्वों से हम हमारे भवन का निर्माण करते हैं_
आकाश तत्व को संतुलित कर सुनने की शक्ति को बढ़ावा देता है जिससे व्यक्ति धीर गंभीर और शांत चित्त रहता है।
पृथ्वी तत्व को संतुलित कर हम हमारे जीवन में स्थिरता और सुरक्षा के भाव पैदा कर सकते हैं
जल तत्व को संतुलित कर हम हमारे व्यापार को बढ़ावा दे सकते हैं और धन में वृद्धि कर सकते हैं ।
अग्नि तत्व को संतुलित कर हम हमारे जानमाल को सुरक्षित रख सकते हैं।
वायु तत्व को संतुलित कर हम हमारे मान सम्मान और उत्तम स्वास्थ्य मे वृद्धि कर सकते हैं ।
किसी भी भवन में पंच तत्वों का सही संतुलन है तो वहां पर निवास करने वाले व्यक्ति उतरोतर विकास के पथ पर अग्रसर होते रहेंगे सफलता उनके कदम चुमेगी।